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Important MP Forest GK Facts 2024

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इस लेख में वन रिपोर्ट 2019 तथा वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार मध्य प्रदेश के वन तथा भारत के वनों से जुड़ी हुई जानकारी उपलब्ध कराई गई है।

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Table of Contents

MP Forest GK In Hindi मध्य प्रदेश के वन 2024 -:

~ मध्य प्रदेश में ऊष्ण-कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। यह तीन प्रकार के होते हैं।

  1. ऊष्ण-कटिबंधीय पर्णपती वन
  2. ऊष्ण-कटिबंधीय अर्द्ध पर्णपाती वन
  3. ऊष्ण-कटिबंधीय शुष्क वन

~ ऊष्ण-कटिबंधीय पर्णपाती वन मध्य प्रदेश के सागर, दमोह, जबलपुर, पन्ना, छतरपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, होशंगाबाद आदि जिलों में पाए जाते हैं। इस प्रकार के वन मध्यप्रदेश के सर्वाधिक भाग पर पाए जाते हैं। इस प्रकार के वनों में औसत वर्षा 50 – 100 सेंटीमीटर तक होती है तथा यह वन पानी की कमी आने पर अपने सारे पत्ते गिरा देते हैं इसलिए इन्हें पर्णपाती वन कहा जाता है। सागौन, शीशम, नीम, पीपल आदि प्रकार के वृक्ष इस प्रकार के वनों में पाए जाते हैं। यह मध्य प्रदेश के कुल वन क्षेत्रफल के लगभग 88.65% पर फैले हुए हैं।

~ ऊष्ण-कटिबंधीय अर्द्ध पर्णपाती वन मध्यप्रदेश के शहडोल, सीधी, बालाघाट, मंडला आदि जिलों में पाए जाते हैं। इस प्रकार के वन पूर्णतः अपने पत्तों को नहीं गिराते हैं। इस प्रकार के वनों में औसत वर्षा 100 – 150 सेंटीमीटर तक होती है। बांस, साल, सागौन आदि के वृक्ष इस प्रकार के वनों में पाए जाते हैं। इनका क्षेत्रफल लगभग 8.97% है।

~ ऊष्ण-कटिबंधीय शुष्क वन मध्य प्रदेश के भिंड, मुरैना, ग्वालियर, रतलाम, शिवपुरी आदि जिलों में पाए जाते हैं। इस प्रकार के वन 75 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। इन्हें कंटीले वन भी कहा जाता है। बबूल, शीशम, हर्रा, पलाश, तेंदू आदि प्रकार के वृक्ष इस प्रकार के वनों में पाए जाते हैं। यह लगभग 0.26% भाग पर फैले हुए हैं।

~ मध्य प्रदेश वनों का राष्ट्रीयकरण करने वाला भारत का प्रथम राज्य है।

~ मध्यप्रदेश में वनों का राष्ट्रीयकरण सन 1970 में किया गया था।

~ मध्यप्रदेश में वनों के राष्ट्रीयकरण के तहत तेंदूपत्ता का राष्ट्रीयकरण सबसे पहले किया गया था।

~ मध्यप्रदेश में सर्वाधिक आरक्षित वन खंडवा में तथा सबसे कम आरक्षित वन उज्जैन में पाए जाते हैं।

~ मध्य प्रदेश में 16 क्षेत्रीय वन वृत्त और 63 क्षेत्रीय वन मंडल हैं।

~ मध्य प्रदेश वन विकास निगम की स्थापना सन् 1975 में की गई थी।

~ मध्य प्रदेश वन्य जीव संरक्षण अधिनियम सन् 1974 में पारित किया गया था।

~ मध्यप्रदेश में पहली वन नीति सन् 1952 में बनाई गई थी तथा मध्य प्रदेश की दूसरी वन नीति सन् 2005 में बनाई गई है।

~ राष्ट्रीय वन नीति 1988 के अनुसार पर्यावरणीय दृष्टि से 33% वनों का होना आवश्यक है।

~ भारतीय वन अनुसंधान संस्थान उत्तराखंड के देहरादून में स्थित है। इस संस्थान का क्षेत्रीय कार्यालय मध्य प्रदेश के जबलपुर में स्थित है।

~ भारतीय वन प्रबंधन संस्थान ( इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट ) मध्यप्रदेश के भोपाल में स्थित है।

~ वन राजकीय महाविद्यालय की स्थापना सन् 1979 में मध्यप्रदेश के बालाघाट में की गई थी।

~ वन रक्षकों को प्रशिक्षण मध्य प्रदेश के शिवपुरी, अमरकंटक, गोविंदगढ़ और लखनादौन में दिया जाता है।

~ मध्य प्रदेश की पंचवन योजना सन् 1976-77 में प्रारंभ की गई थी। जिसका मुख्य उद्देश्य मध्य प्रदेश के उन जिलों में वनरोपण करना था जिन जिलों में वन क्षेत्र 33% से कम है।

~ तेंदूपत्ता के उत्पादन में मध्य प्रदेश का भारत में प्रथम स्थान है।

~ तेंदूपत्ता का मुख्य उत्पादन क्षेत्र सागर, जबलपुर, शहडोल है।

~ मध्यप्रदेश में सर्वाधिक वन वृक्ष सागौन के हैं तथा उसके बाद दूसरे स्थान पर साल के वृक्ष हैं।

~ प्रशासकीय प्रबंधन की दृष्टि से मध्य प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किलोमीटर में से 94,689 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर वन पाए जाते हैं। जो कि मध्य प्रदेश के कुल क्षेत्रफल का लगभग 30.72% है। 94,689 वर्ग किमी क्षेत्रफल में से आरक्षित वन 61886 वर्ग किमी (65%), संरक्षित वन 31098 वर्ग किमी (33%) और अवर्गीकृत वन 1705 वर्ग किमी (2%) है।

  1. आरक्षित वन -:
    इस प्रकार के वनों में प्रशासकीय नियम अधिक कठोर होते हैं। आरक्षित वन क्षेत्र में पशुचारण, आवागमन, लकड़ी काटना आदि कोई कार्य दंडनीय अपराध माना जाता है।
  2. संरक्षित वन -:
    इस प्रकार के वनों में प्रबंधन प्रशासन की देख रेख में होता है। तथा प्रशासकीय नियम अधिक कठोर नहीं होते हैं। पशुचारण, आवागमन की सुविधा होती है। परंतु इस प्रकार के वनों को नष्ट करना दंडनीय अपराध है।
  3. अवर्गीकृत वन -:
    इस प्रकार के वनों पर प्रशासकीय नियम कमजोर होते हैं।

India Forest Report 2021 भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 -:

~ भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 13 जनवरी 2022 जारी की गई है। जिसमें भारत के वन संसाधनों का आकलन किया गया है। यह वन रिपोर्ट इस श्रंखला की 17 वीं रिपोर्ट है। तथा भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 30 दिसंबर 2019 को जारी की गई थी।

~ भारतीय वन रिपोर्ट, भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा प्रत्येक 2 वर्ष पर तैयार की जाती है। यह रिपोर्ट वर्ष 1987 से प्रकाशित की जा रही है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 इस श्रंखला की 16 वीं तथा भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 इस श्रंखला की 17 वीं रिपोर्ट है। यह रिपोर्ट रिसोर्ससैट-2 उपग्रह के संवेदी आंकड़ों पर आधारित है।

~ वन रिपोर्ट के आधार पर वनों को मुख्यत: तीन भागों में बांटा जाता है।

1. सघन वन -: ऐसे वन जहां वृक्षों का घनत्व 70 प्रतिशत से अधिक होता है। सघन वन कहलाते हैं।
2. घने वन -: ऐसे वन जहां वृक्षों का घनत्व 40 से 70 प्रतिशत होता है। घने वन कहलाते हैं।
3. खुले वन -: ऐसे वन जहां वृक्षों का घनत्व 10 से 40 प्रतिशत होता है। खुले वन कहलाते हैं।

~ इसके अलावा ऐसे वन क्षेत्र जहां वृक्षों का घनत्व 10 प्रतिशत से भी कम होता है। झाड़ी क्षेत्र कहलाते हैं। तथा ऐसे क्षेत्र जो वन क्षेत्र के किसी भी वर्गीकरण में शामिल नहीं होते हैं। उन्हें गैर – वन क्षेत्र कहा जाता है।

~ भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत का कुल वन और वृक्ष आच्छादन क्षेत्र 8,09,537 वर्ग किलोमीटर है। यह भारत के कुल क्षेत्रफल का लगभग 24.62 % है। वन रिपोर्ट 2019 की तुलना में यह बढ़ोतरी 2261 वर्ग किलोमीटर की है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत में कुल वन और वृक्ष आच्छादन क्षेत्र 8,07,276 वर्ग किलोमीटर था। जो कि भारत के कुल क्षेत्रफल का 24.56 % था।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत का कुल वन क्षेत्रफल 7,13,789 वर्ग किलोमीटर है। जो कि भारत के कुल वन क्षेत्रफल का लगभग 21.71 % है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत का कुल वन क्षेत्रफल 7,12,249 वर्ग किलोमीटर था। जो कि देश के कुल वन क्षेत्रफल का लगभग 21.67 % था।

~ वन रिपोर्ट 2021 के आधार पर भारत में कच्छ वनस्पति का क्षेत्रफल 4992 वर्ग किलोमीटर है। जो कि वन रिपोर्ट 2019 के मुकाबले 17 वर्ग किलोमीटर ज्यादा है। 2019 में भारत में कच्छ वनस्पति का क्षेत्रफल 4975 वर्ग किलोमीटर था। जो कि वन रिपोर्ट 2017 की तुलना में 54 वर्ग किमी अधिक था ।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत का सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला राज्य मध्य प्रदेश है। जिसका क्षेत्रफल 77,493 वर्ग किलोमीटर है।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार प्रतिशत के आधार पर सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला राज्य मिजोरम है। जो कि राज्य के कुल क्षेत्रफल का 84.53 % है।

~ वन रिपोर्ट 2019 के आधार पर कर्नाटक ने अपने वन क्षेत्रफल में 1025 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि की थी। जो कि 2019 में वन क्षेत्रफल में वृद्धि करने वाले राज्यों में सबसे ज्यादा थी।

परंतु वन रिपोर्ट 2021 में वन क्षेत्रफल में सबसे ज्यादा वृद्धि करने वाला राज्य आंध्र प्रदेश है। जिसने वन क्षेत्रफल में 647 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि की है। वहीं तेलंगाना 632 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि करके द्वितीय स्थान पर है।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार वन क्षेत्रफल में कमी होने वाले राज्यों में अरुणाचल प्रदेश शीर्ष पर है। जहां 257 वर्ग किलोमीटर की कमी हुई है।

~ वन रिपोर्ट 2021 के आधार पर भारत में वन और वृक्ष आवरण वन रिपोर्ट 2019 की तुलना में 2261 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि हुई है। जिसमे से वन आवरण क्षेत्र में 1540 वर्ग किमी तथा वृक्ष आवरण क्षेत्र में 721 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है।

वन रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत में वन और वृक्ष के आवरण में वन रिपोर्ट 2017 की तुलना में 5188 वर्ग किमी की वृद्धि हुई थी। जिसमे से वन आवरण क्षेत्र में 3976 वर्ग किमी तथा वृक्ष आवरण क्षेत्र में 1212 वर्ग किमी की वृद्धि हुई थी।

~ मध्य प्रदेश में कुल वन क्षेत्रफल ( total mp forest area ) में पिछली रिपोर्ट की तुलना में 11 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र की वृद्धि हुई है। वन स्थिति रिपोर्ट 2019 के अनुसार मध्य प्रदेश का वन क्षेत्र 77,482 वर्ग किमी था जो कि वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार 77,493 वर्ग किमी है।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत के 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 33% क्षेत्रफल वनों से घिरा है।

जिनमें से 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 75% भू-भाग वनों से आच्छादित है। -:

अरुणाचल प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मिजोरम, लक्षद्वीप और मेघालय।

और बाकी 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का 33% से 75% का भू-भाग वनों से आच्छादित है। -:
दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव, सिक्किम, त्रिपुरा, असम, गोवा, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, केरल, ओडिशा, नागालैंड, मणिपुर।

~ वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत में वनों का कुल कार्बन स्टॉक लगभग 7204 मिलियन टन है। जो वर्ष 2010 की वन रिपोर्ट की तुलना में 79.4 मिलियन टन ज्यादा है।

~ वर्ष 2019 की वन रिपोर्ट के अनुसार भारत में बांस क्षेत्र लगभग 1,49,443 वर्ग किमी है। जो कि फॉरेस्ट रिपोर्ट 2019 की तुलना में 10,594 वर्ग किमी कम है।

वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार मध्य प्रदेश के वन ( mp forest report 2021 ) की जिलेवार स्थिति -:

~ सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले मध्य प्रदेश के जिले -:

  1. बालाघाट -: 4923 वर्ग किमी
  2. छिंदवाड़ा-: 4608 वर्ग किमी
  3. बैतूल -: 3663 वर्ग किमी
  4. श्योपुर -: 3444 वर्ग किमी
  5. सिवनी -: 3063 वर्ग किमी

~ न्यूनतम वन क्षेत्र वाले मध्य प्रदेश के जिले -:

  1. उज्जैन -: 37 वर्ग किमी
  2. शाजापुर ( अविभाजित ) -: 62 वर्ग किमी
  3. रतलाम -: 75 वर्ग किमी
  4. राजगढ़ -: 171 वर्ग किमी
  5. दतिया -: 213 वर्ग किमी

~ सर्वाधिक वन प्रतिशत वाले मध्य प्रदेश के जिले -:

  1. बालाघाट -: 53 %
  2. श्योपुर -: 52 %
  3. उमरिया -: 49 %
  4. मंडला -: 44 %
  5. सीधी -: 41 %

~ न्यूनतम वन प्रतिशत वाले मध्य प्रदेश के जिले -:

  1. उज्जैन -: 0.60 %
  2. शाजापुर ( अविभाजित ) -: 1 %
  3. रतलाम -: 1.55 %
  4. राजगढ़ -: 2.79 %
  5. मंदसौर -: 4.35 %

वन रिपोर्ट 2021 के अनुसार भारत की राज्यवार सूची, India forest report 2021 -:

~ प्रतिशत के संदर्भ में सर्वाधिक वन आवरण वाले राज्य व केंद्र प्रशासित प्रदेश -:

  1. लक्षद्वीप -: 90.33 %
  2. मिजोरम -: 84.53 %
  3. अंडमान निकोबार द्वीपसमूह -: 81.75 %
  4. अरुणाचल प्रदेश -: 79.33 %
  5. मेघालय -: 76.00 %

~ सर्वाधिक वन क्षेत्र वाले राज्य -:

  1. मध्य प्रदेश -: 77493 वर्ग किमी
  2. अरुणाचल प्रदेश-: 66431 वर्ग किमी
  3. छत्तीसगढ़ -: 55717 वर्ग किमी
  4. ओडिशा -: 52156 वर्ग किमी
  5. महाराष्ट्र -: 50798 वर्ग किमी

~ वन क्षेत्र में वृद्धि वाले शीर्ष राज्य -:

  1. आंध्र प्रदेश -: 647 वर्ग किमी
  2. तेलंगाना -: 632 वर्ग किमी
  3. ओडिशा -: 537 वर्ग किमी
  4. कर्नाटक -: 155 वर्ग किमी
  5. झारखण्ड -: 110 वर्ग किमी

~ वन क्षेत्र में कमी वाले शीर्ष राज्य -:

  1. अरुणाचल प्रदेश -: 257 वर्ग किमी
  2. मणिपुर -: 249 वर्ग किमी
  3. नागालैंड -: 235 वर्ग किमी
  4. मिज़ोरम -: 186 वर्ग किमी
  5. मेघालय -: 73 वर्ग किमी

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