“उठो, जागो और जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाये तब तक मत रुको।“
स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद के विचार आज के युग में प्रेरणा का एक ऐसा स्त्रोत हैं जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए और जीवन में सफलता हासिल करने में सहायता प्रदान करते हैं। स्वामी विवेकानंद को करोड़ों लोग अपना आदर्श मानते हैं। स्वामी विवेकानंद के 10 विचार लोगों की सोच और व्यक्तित्व को बदलने वाले हैं। हर युवा को स्वामी विवेकानंद के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
स्वामी विवेकानंद के 10 विचार -:
“ज्ञान का प्रकाश सभी अंधेरों को खत्म कर देता है।”
स्वामी विवेकानंद
“आकांक्षा, अज्ञानता और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।”
स्वामी विवेकानंद
“जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है।”
स्वामी विवेकानंद
“हर काम को तीन अवस्थाओं से गुज़रना होता है – उपहास, विरोध और स्वीकृति।”
स्वामी विवेकानंद
“शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।”
स्वामी विवेकानंद
“जो कुछ भी तुमको कमजोर बनाता है – शारीरिक, बौद्धिक या मानसिक। उसे जहर की तरह त्याग दो।”
स्वामी विवेकानंद
“एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।”
स्वामी विवेकानंद
“धर्म ही हमारे राष्ट्र की जीवन शक्ति है। यह शक्ति जब तक सुरक्षित है, तब तक विश्व की कोई भी शक्ति हमारे राष्ट्र को नष्ट नहीं कर सकती।”
स्वामी विवेकानंद
“पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता। एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान। ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है।”
स्वामी विवेकानंद
“लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, परंतु तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न होना।”
स्वामी विवेकानंद
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