हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आज हम पढ़ेंगे भारत के एक प्रसिद्ध कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी की प्रसिद्ध कविता तूफानों की ओर घुमा दो नाविक कविता, Tufano Ki Or Ghuma Do Navik Poem By Shivmangal Singh Suman, Tufano Ki Or Ghuma Do Navik Lyrisc In Hindi, Tufano Ki Aur Ghuma Do Navik Kavita In Hindi.
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक कविता Tufano Ki Or Ghuma Do Navik Poem By Shivmangal Singh Suman -:
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।।
आज सिन्धु ने विष उगला है
लहरों का यौवन मचला है
आज हृदय में और सिन्धु में
साथ उठा है ज्वार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।।
लहरों के स्वर में कुछ बोलो
इस अंधड़ में साहस तोलो
कभी-कभी मिलता जीवन में
तूफानों का प्यार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।।
यह असीम, निज सीमा जाने
सागर भी तो यह पहचाने
मिट्टी के पुतले मानव ने
कभी ना मानी हार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार।।
सागर की अपनी क्षमता है
पर माँझी भी कब थकता है
जब तक साँसों में स्पंदन है
उसका हाथ नहीं रुकता है
इसके ही बल पर कर डाले
सातों सागर पार
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार ।।
Thank you for reading कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी की प्रसिद्ध कविता तूफानों की ओर घुमा दो नाविक कविता, Tufano Ki Aur Ghuma Do Navik Lyrics In Hindi, Tufano Ki Or Ghuma Do Navik Poem By Shivmangal Singh Suman, Tufano Ki Or Ghuma Do Navik Kavita In Hindi.
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