हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर हम पढ़ेंगे भारत के महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह के विचार images, Shaheed Bhagat Singh quotes in Hindi images.
जिंदगी तो सिर्फ अपने कंधों पर जी जाती है।
दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं।।
Famous Shaheed Bhagat Singh quotes in hindi शहीद भगत सिंह के विचार images -:
~ मेरा धर्म देश की सेवा करना है।
~ जन संघर्ष के लिए, अहिंसा आवश्यक हैं।
~ देशभक्तों को अक्सर लोग पागल कहते हैं।
~ महान आवश्यकता के समय, हिंसा अनिवार्य हैं।
~ प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं।
~ व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।
~ क्रांति की तलवार तो सिर्फ विचारों की शान से तेज होती है।
~ मैं उस सर्वशक्तिमान सर्वोच्च ईश्वर के अस्तित्व से इनकार करता हूं।
~ स्वतंत्रता हर इंसान का कभी न ख़त्म होने वाला जन्म सिद्ध अधिकार है।
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से।
अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूँ तो इंक़लाब लिख जाता है।।
~ अपने दुश्मन से बहस करने के लिये उसका अभ्यास करना बहुत जरुरी है।
~ निष्ठुर आलोचना और स्वतंत्र विचार, ये क्रांतिकारी सोच के दो अहम् लक्षण हैं।
~ प्यार हमेशा आदमी के चरित्र को ऊपर उठाता है, यह कभी उसे कम नहीं करता है।
~ मैं एक मानव हूँ और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
~ ज़रूरी नहीं है कि क्रांति में अभिशप्त संघर्ष शामिल हो। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं है।
~ राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है। मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है।
~ क़ानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक की वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
~ क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है। गरीबी एक अभिशाप है, यह एक सजा है।
~ मुझे खुद को बचाने की कभी कोई इच्छा नहीं रही और मैंने कभी भी इसके बारे में गंभीरता से नहीं सोचा।
~ सर्वगत भाईचारा तभी हासिल हो सकता है जब समानताएं हों – सामाजिक, राजनैतिक एवं व्यक्तिगत समानताएं।
दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उलफत।
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए वतन आएगी ।।
~ वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते। वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, मेरी आत्मा को नहीं।
~ अगर धर्म को अलग कर दिया जाए तो राजनीति पर हम सब इकट्ठे हो सकते हैं। धर्मों में हम चाहे अलग अलग ही रहें।
~ मैं खुशी से फांसी पर चढ़ूंगा और दुनिया को दिखाऊंगा कि कैसे क्रांतिकारी देशभक्ति के लिए खुद को बलिदान दे सकते हैं।
~ मेरा जीवन एक महान लक्ष्य के प्रति समर्पित है – देश की आज़ादी। दुनिया की अन्य कोई आकर्षक वस्तु मुझे लुभा नहीं सकती।
~ बुराई इसलिए नहीं बढ़ रही है कि बुरे लोग बढ़ गए हैं। बल्कि बुराई इसलिए बढ़ रही है क्योंकि बुराई सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं।
~ इंसान तभी कुछ करता है जब वो अपने काम के औचित्य को लेकर सुनिश्चित होता है, जैसाकि हम विधान सभा में बम फेंकने को लेकर थे।
~ यह शादी करने का समय नहीं है। मेरा देश मुझे बुला रहा है। मैंने अपने दिल और आत्मा के साथ देश की सेवा करने के लिए एक प्रतिज्ञा ली है।
लिख रह हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज़ आएगा।
मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।।
~ पिस्तौल और बम इंकलाब नहीं लाते, बल्कि इंकलाब की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है और यही चीज थी, जिसे हम प्रकट करना चाहते थे।
~ किसी भी इंसान को मारना आसान है, परन्तु उसके विचारों को नहीं। महान साम्राज्य टूट जाते हैं, तबाह हो जाते हैं, जबकि उनके विचार बच जाते हैं।
~ क्रांति मानव जाति का एक अपरिहार्य अधिकार है। स्वतंत्रता सभी का एक कभी न ख़त्म होने वाला जन्म-सिद्ध अधिकार है। श्रम समाज का वास्तविक निर्वाहक है।
~ अगर हमें सरकार बनाने का मौका मिलेगा तो किसी के पास प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं होगी, सबको काम मिलेगा। और धर्म व्यक्तिगत विश्वास की चीज होगी, सामूहिक नहीं।
~ मैं इस बात पर जोर देता हूँ कि मैं महत्त्वाकांक्षा, आशा और जीवन के प्रति आकर्षण से भरा हुआ हूँ। लेकिन मैं ज़रुरत पड़ने पर ये सब त्याग सकता हूँ, और यही सच्चा बलिदान है।
सिने पर जो ज़ख्म है, सब फूलों के गुच्छे हैं।
हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।।
~ कोई भी व्यक्ति, जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार खड़ा हो। उसे हर एक रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और चुनौती भी देना होगा।
~ आम तौर पर लोग जैसी चीजें हैं उसके आदी हो जाते हैं। और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता की भावना को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है।
~ यदि बहरों को सुनाना है तो आवाज़ को बहुत जोरदार होना होगा। जब हमनें असेंबली में बम गिराया था तो हमारा मकसद किसी को मारना नहीं था। हमनें अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था।
~ किसी को क्रांति शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं, उनके फायदे के हिसाब से इसको अलग अर्थ और मतलब दिए जाते हैं।
~ क्रांति लाना किसी भी इंसान की ताकत के बाहर की बात है। क्रांति कभी भी अपने आप नही आती। बल्कि किसी विशिष्ट वातावरण, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों में ही क्रांति लाई जा सकती है।
~ हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्रांति का मतलब केवल उथल-पुथल या एक प्रकार का संघर्ष नहीं है। क्रांति आवश्यक रूप से मौजूदा मामलों के पूर्ण विनाश के बाद नए और बेहतर रूप से अनुकूलित आधार पर समाज के व्यवस्थित पुनर्निर्माण का कार्यक्रम है।
~ किसी भी कीमत पर बल का प्रयोग न करना काल्पनिक आदर्श है और नया आंदोलन जो देश में शुरू हुआ है और जिसके आरंभ की हम चेतावनी दे चुके हैं, वो गुरु गोविंद सिंह और शिवाजी, कमाल पाशा और राजा खान, वॉशिंगटन और गैरीबाल्डी, लाफायेते और लेनिन के आदर्शों से प्रेरित है।
~ अहिंसा को आत्म-बल के सिद्धांत का समर्थन प्राप्त है। जिसमें अंतत: प्रतिद्वंदी पर जीत की आशा में कष्ट सहा जाता है। लेकिन तब क्या हो जब ये प्रयास अपना लक्ष्य प्राप्त करने में असफल हो जाएं ? तभी हमें आत्म -बल को शारीरिक बल से जोड़ने की ज़रुरत पड़ती है ताकि हम अत्याचारी और क्रूर दुश्मन के रहमोकरम पर निर्भर नहीं रहें।
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