हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आज हम पढ़ेंगे महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार, Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Hindi, Famous Quotes Of Mahatma Jyotiba Phule.
महात्मा ज्योतिबा फुले के विचार, Mahatma Jyotiba Phule Quotes In Hindi -:
~ ईश्वर एक है और वही सबका कर्ताधर्ता है।
~ परमेश्वर एक है और सभी मानव उसकी संतान हैं।
~ शिक्षा स्त्री और पुरुष की प्राथमिक आवश्यकता है।
~ मंदिरों में स्थित देवगण ब्राह्मण पुरोहितों का ढकोसला है।
~ आपके संघर्ष में शामिल होने वालों से उनकी जाति मत पूछिए।
~ जाति या लिंग के आधार पर किसी के साथ भेदभाव करना पाप है।
~ अच्छा काम करने के लिए गलत उपयों का सहारा नहीं लेना चाहिए।
~ भगवान और भक्त के बीच मध्यस्थता की कोई आवश्यकता नहीं है।
~ अगर कोई किसी प्रकार का सहयोग करता है , तो उससे मुंह मत मोड़िए।
~ स्वार्थ अलग अलग रुप धारण करता है। कभी जाति का , तो कभी धर्म का।
~ आर्थिक विषमता के कारण किसानों का जीवन स्तर अस्त व्यस्त हो गया है।
~ संसार का निर्माणकर्ता एक पत्थर विशेष या स्थान विशेष तक ही सीमित कैसे हो सकता है?
Mahatma Jyotiba Phule ke anmol vachan -:
~ ब्राह्मणों ने दलितों के साथ जो किया वो कोई मामूली अन्याय नहीं है। उसके लिए उन्हें ईश्वर को जवाब देना होगा।
~ समाज के निम्न वर्ग तब तक बुद्धि, नैतिकता, प्रगति और समृद्धि का विकास नहीं करेंगे जब तक वे शिक्षित नहीं होंगे।
~ सच्ची शिक्षा दूसरों को सशक्त बनाने और दुनिया को उस दुनिया से थोड़ा बेहतर छोड़ने का प्रतीक है जो हमने पाया।
~ भारत में राष्ट्रीयता की भावना का विकास तब तक संभव नहीं है, जब तक खान – पीन एव वैवाहिक संबंधों पर जातीय भेदभाव बने रहेंगे।
~ विद्या बिना मति गयी, मति बिना नीति गयी, नीति बिना गति गयी, गति बिना वित्त गया, वित्त बिना शूद गये, इतने अनर्थ, एक अविद्या ने किये।
~ बाल काटना नाई का धर्म नहीं, धंधा है। चमड़े की सिलाई करना मोची का धर्म नहीं, धंधा है। इसी प्रकार पूजा -पाठ करना ब्राह्मण का धर्म नहीं, धंधा है।
~ शिक्षा के बिना समझदारी खो गई, समझदारी के बिना नैतिकता खो गई , नैतिकता के बिना विकास खो गया, धन के बिना शूद्र बर्बाद हो गया। शिक्षा महत्वपूर्ण है।
~ अनपढ़, अशिक्षित जनता को फंसाकर वे अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं और यह वे प्राचीन काल से कर रहें हैं। इसलिए आपको शिक्षा से वंचित रखा जाता है।
~ यदि आजादी, समानता, मानवता, आर्थिक न्याय, शोषणरहित मूल्यों और भाईचारे पर आधारित सामाजिक व्यवस्था का निर्माण करना है तो असमान और शोषक समाज को उखाड़ फेंकना होगा।
~ पृथ्वी पर उपस्थित सभी प्राणियों में मनुष्य श्रेष्ठ है और सभी मनुष्यों में नारी श्रेष्ठ है। स्त्री और पुरुष जन्म से ही स्वतंत्र है। इसलिए दोनों को सभी अधिकार समान रूप से भोगने का अवसर प्रदान होना चाहिए।
~ ब्राह्मण दावा करते हैं कि वो ब्रह्मा के मुख से पैदा हुए हैं, तो क्या ब्रह्मा के मुख में गर्भ ठहरा था ?, क्या महावारी भी ब्रह्मा के मुख में आई थी ?, और अगर जन्म दे दिया तो ब्रह्मा ने शिशु को स्तनपान कैसे कराया ?
~ मंदिरों के देवी – देवता ब्राह्मण का ढकोसला हैं। दुनिया बनाने वाला एक पत्थर विशेष या खास जगह तक ही सीमित कैसे हो सकता है? जिस पत्थर से सड़क , मकान वगैरह बनाया जाते हैं उसमें देवता कैसे हो सकते हैं ?
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