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100 + Famous Real Gulzar Shayari, Poetry, Quotes In Hindi

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Gulzar shayari in hindi, गुलजार की दो लाइन शायरी -:

~ ख़ामोशी का हासिल भी इक लम्बी सी ख़ामोशी है।
उन की बात सुनी भी हमने अपनी बात सुनाई भी।।

~ अगर आँसुओ की किम्मत होती।
तो कल रात का तकिया अरबों का होता।।

~ मुस्कुराने से शुरू और रुलाने पर खत्म
ये वो जुर्म हैं जिसे लोग मोहब्बत कहतें हैं।

~ कब से बैठा हुआ हूँ मैं जानम
सादे काग़ज़ पे लिखके नाम तेरा।
बस तेरा नाम ही मुकम्मल है
इससे बेहतर भी नज़्म क्या होगी।।

~ क़िताबें माँगने, गिरने, उठाने के बहाने जो रिश्ते बनते थे
अब उनका क्या होगा, वो शायद अब नही होंगे।।

~ एक उम्मीद बार बार आ कर, अपने टुकड़े तलाश करती है।
बूढ़ी पगडंडी शहर तक आ कर, अपने बेटे तलाश करती है।। (Gulzar shayari in hindi)

~ उठाए फिरते थे एहसान जिस्म का जाँ पर।
चले जहाँ से तो ये पैरहन उतार चले।।

~ आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया।

~ आधे पौने पुरे चांद
जितना था सब माल गया,
बारह महीने जमा किए थे
जेब काटकर साल गया।

~ हाथ छूटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते।
वक़्त की शाख़ से लम्हें नहीं तोड़ा करते।।

~ सिर्फ आवाज देने से ही कारवां नहीं रुका करते।
देखा ये भी जाता है कि पुकारा किसने है।।

~ काई सी जम गई है आँखों पर।
सारा मंज़र हरा सा रहता है।।

~ वो एक दिन एक अजनबी को, मेरी कहानी सुना रहा था।
वो उम्र कम कर रहा था मेरी, मैं साल अपने बढ़ा रहा था।। (Gulzar shayari in hindi)

~ तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी।
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।।

~ सहर न आई कई बार नींद से जागे।
थी रात रात की ये ज़िंदगी गुज़ार चले।।

~ आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं।
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ।।

Gulzar poems in hindi -:

~ जैसे कहीं रख के भूल गए हों,
बेफिक्र वक्त अब मिलता ही नही।।

~ नाम होते हैं रिश्तों के
कुछ रिश्ते नाम के होते हैं।

~ बड़ी हसरत है पूरा एक दिन इक बार मैं
अपने लिए रख लूं,
तुम्हारे साथ पूरा एक दिन
बस खर्च करने की तमन्ना है।।

~ जिस की आँखों में कटी थी सदियाँ
उस ने सदियों की जुदाई दी है।।

~ कोई न कोई रहबर रस्ता काट गया।
जब भी अपनी रह चलने की कोशिश की।।

~ अब ज़रा सी भर गई हो तुम
ये वजन तुम पर अच्छा लगता है। (Gulzar shayari in hindi)

~ आईना देख के तसल्ली हुई
हम को इस घर में जानता है कोई।

~ छोटी-छोटी बातों की हैं यादें बड़ी,
भूले नहीं, बीती हुई एक छोटी घड़ी।

~ तब मैं जानबूझकर हार जाया करता था
अब चाह कर भी जीत नहीं पाता हूँ तुमसे,
पता नहीं कौन सी चाल पर
देखते ही देखते मैं मात खा जाऊँ
ये डर तो लगता है ज़रूर,
पर मैं ख़ुश हूँ कि तुम खेलना सीख गये।

~ जिन्दगी की दौड़ में, तजुर्बा कच्चा ही रह गया।
हम सीख न पाये ‘फरेब’, और दिल बच्चा ही रह गया।।

~ आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं।
मेहमाँ ये घर में आएँ तो चुभता नहीं धुआँ।।

~ शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है। (Gulzar shayari in hindi)

~ किताबें झाँकती हैं
बंद अलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं
महीनों अब मुलाक़ातें नही होती।।

~ कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे हैं।
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।।

~ चलो अच्छा हुआ
जो तुम मेरे दर पे नहीं आए,
तुम झुकते नहीं
और मै चौखटें ऊंची कर नही पाता।।

~ कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था।
आज की दास्ताँ हमारी है।।

~ जीवन से लंबे हैं बंधु, ये जीवन के रस्ते
एक पल थम के रोना होगा, एक पल चलना हँस के।

~ वो आके पेहलू में ऐसे बैठे, के शाम रंगीन हो गयी है
ज़रा ज़रा सी खिली तबियत, ज़रा सी ग़मगीन हो गयी है।

~ ये शर्म है या हया है, क्या है, नज़र उठाते ही झुक गयी है।
तुम्हारी पलकों से गिरती शबनम हमारी आंखों में रुक गयी है।।

~ चंद उम्मीदें निचोड़ी थीं तो आहें टपकीं।
दिल को पिघलाएँ तो हो सकता है साँसें निकलें।। (Gulzar shayari in hindi)

~ आओ ज़बानें बाँट लें अब अपनी अपनी हम।
न तुम सुनोगे बात, ना हमको समझना है।।

अन्य लेख –:

Gulzar quotes in hindi -:

~ उसे ये ज़िद है कि मैं पुकारूँ।
मुझे तक़ाज़ा है वो बुला ले।।

~ तेरा चेहरा ही लिये घूमता हूँ, शहर में तबसे।
लोग मेरा नहीं, एहवाल तेरा पूछते हैं, मुझ से।।

~ जाना किसका ज़िक्र है इस अफ़साने में।
दर्द मज़े लेता है जो दुहराने में।।

~ काश इक बार कभी नींद से उठकर तुम भी
हिज्र की रातों में ये देखो तो क्या होता है।

~ यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता।
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।।

~ याद है इक दिन
मेरी मेज़ पे बैठे-बैठे
सिगरेट की डिबिया पर तुमने
एक स्केच बनाया था
आकर देखो
उस पौधे पर फूल आया है। (Gulzar shayari in hindi)

~ कभी तो चौंक कर देखे कोई हमारी तरफ
किसी की आँख मे हमको भी इंतज़ार दिखे।।

~ कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ।
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।।

~ सेह़मा सेह़मा ड़रा सा़ रहता है
जा़ने क्यों जी़ भ़रा सा़ रहता है।।

~ उसी का इमान बदल गया है
कभी जो मेरा ख़ुदा रहा था।।

~ तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया।

~ अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया। (Gulzar shayari in hindi)

~ प्यार अकेला नहीं जी सकता
जीता है तो दो लोगों में
मरता है तो दो मरते हैं।

~ जाय़का अ़लग सा़ है़ मे़रे लफ़्ज़ों का
के़ कोई़ सम़झ ऩही पा़ता, को़ई भूला़ नहीं पा़ता।

गुलज़ार शायरी इन हिंदी -:

~ एक कमीज़ अब कितने दिन कोई पहनेगा
कॉलर मैले,आस्तीन उधड़ी-उधड़ी
नया कोई मज़हब आये तो कपड़े बदलूँ ।

~ च़ख क़र देखी़ है़ क़भी तन्हाई तुम़ने ?
मैने देखी़ है़ ब़ड़ी ईमानदार सी़ लग़ती है।

~ प्यार न कभी इकतरफ़ा होता है न होगा
दो रूहों के मिलन की जुड़वां पैदाईश है ये।।

~ यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता।
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता।।

~ ल़की़रें है़ तो रह़ने दो,
कि़सी ने़ रू़ठ कर गुस्से़ में शायद़ खींच दी़ थी,
उन्ही को अब बनाओ पाला़, औऱ आ़ओ क़बड्डी खेल़ते हैं।। (Gulzar shayari in hindi)

~ मुझे ऐसे मरना है,
जैसे लिखते-लिखते स्याही ख़त्म हो जाए।

~ ज़ुबान पर ज़ाएका आता था जो सफ़हे पलटने का
अब उँगली ‘क्लिक’ करने से बस इक
झपकी गुज़रती है।

~ आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है।।

~ दफ़्न कर दो हमें कि साँस मिले
नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है।।

~ खुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना खत खोला अनजाने में ।

~ ह़म कैसे़ करे ख़ुद को़ ते़रे प्यार के़ काबिल,
जब़ बदल़ते है़ हम़, तो तु़म श़र्ते बद़ल दे़ते हो।।

~ खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं।
हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं।। (Gulzar shayari in hindi)

~ कब आते हो कब जाते हो
दिन में कितनी-कितनी बार मुझको – तुम याद आते हो।

Gulzar poetry in hindi -:

~ वक़्त रहता नहीं कहीं थमकर
इस की आदत भी आदमी सी है।

~ वो कटी फटी हुई पत्तियां, और दाग़ हल्का हरा हरा।
वो रखा हुआ था किताब में, मुझे याद है वो ज़रा ज़रा।।

~ दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई।
जैसे एहसान उतारता है कोई।।

~ जंगल जंगल बात चली है पता चला है
अरे चड्डी पहन के फूल खिला है फूल खिला है।

~ खुले दरीचे के पीछे दो आँखें झाँकती हैं
अभी मेरे इंतज़ार में वो भी जागती हैं।

~ काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी।
तीनों थे हम वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी।। (Gulzar shayari in hindi)

~ मौत की शह देकर तुमने समझा था अब
तो मात हुई
मैने जिस्म का खोल उतारकर सौंप
दिया, और रूह बचा ली।।

~ अपने साये से चौंक जाते हैं
उम्र गुजरी है इस क़दर तनहा।।

~ तुम्हारी ख़ुश्क सी आँखें भली नहीं लगतीं।
वो सारी चीज़ें जो तुम को रुलाएँ, भेजी हैं।।

~ मैं किस वतन की तलाश में यूँ चला था घर से
कि अपने घर में भी अजनबी हो गया हूँ आ कर ।

~ कोई अटका हुआ है पल शायद।
वक़्त में पड़ गया है बल शायद।।

~ तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।। (Gulzar shayari in hindi)

~ इतना क्यों सिखाये जा रही है ज़िन्दगी
हमें कौन सी सदियाँ गुज़ारनी है यहाँ।।

~ तुझको बेहतर बनाने की कोशिश में
तुझे ही वक्त नहीं दे पा रहे हम
माफ़ करना ऐ ज़िंदगी
तुझे ही नहीं जी पा रहे हम ।।

~ जब मैं छोटा था
शायद शामें बहुत लंबी हुआ करती थी
अब शाम नहीं होती,
दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है
शायद वक़्त सिमट रहा है ।

~ आ रही है जो चाप क़दमों की।
खिल रहे हैं कहीं कँवल शायद।।

~ बी़च आ़समाँ में था़ बात़ करते़- करते ही,
चांद इ़स त़रह बु़झा जै़से फूंक़ से दिया,
देखो़ तुम इ़तनी ल़म्बी सांस म़त लिया़ क़रो।। (Gulzar shayari in hindi)

~ कोई वादा नहीं किया लेकिन
क्यों तेरा इंतजार रहता है
बेवजह जब क़रार मिल जाए
दिल बड़ा बेकरार रहता है

~ ये़ इ़श्क़ मोहब्बत की़ रिवाय़त भी अ़जीब है
पाया ऩही है़ जिस़को उ़से खोना़ भी ऩही चाह़ते।।

जरा ये़ धुप ढ़ल जा़ए, तो़ हाल़ पू़छेंगे,
य़हाँ कु़छ सा़ये, खुद़ को खुदा ब़ताते है़।

~ ज़मीं सा दूसरा कोई सख़ी कहाँ होगा।
ज़रा सा बीज उठा ले तो पेड़ देती है।। (Gulzar shayari in hindi)

~ वो़ मोहब्बत भी़ तु़म्हारी थी़ नफरत भी़ तुम्हारी़ थी़,
हम़ अपनी़ वफ़ा का़ इंसाफ कि़ससे़ माँगते़
वो़ शहर भी़ तुम्हारा़ था वो़ अदालत भी़ तुम्हारी़ थी।।

~ बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है।।

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