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Preamble Of India In Hindi भारतीय संविधान की प्रस्तावना

प्रस्तावना संविधान का सबसे सम्मानित भाग है। यह संविधान की आत्मा है। यह संविधान की कुंजी है। यह संविधान का आभूषण है। यह एक उचित स्थान है जहां से कोई भी संविधान का मूल्यांकन कर सकता है।

पंडित ठाकुर दास भार्गव जी ( संविधान सभा सदस्य )

किसी भी दस्तावेज की प्रस्तावना उस दस्तावेज का महत्त्वपूर्ण भाग होती है। इसी प्रकार भारतीय संविधान की प्रस्तावना preamble of India in hindi भारतीय संविधान का सबसे महत्त्वपूर्ण और मुख्य हिस्सा है। भारतीय संविधान का पूरा सार इस प्रस्तावना में निहित है।

भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारत की प्रकृति और भारत के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त विवरण देती है। और भारत की प्रस्तावना की सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यह बताती है कि भारतीय संविधान भारत के लोगों से अपनी शक्ति ग्रहण करता है। संविधान की शक्ति का स्त्रोत हम सब भारतवासी हैं।

आइए पढ़ते हैं भारत की प्रस्तावना तथा प्रस्तावना से जुड़े हुए महत्त्वपूर्ण तथ्य ( Important facts about preamble of Indian Constitution )

भारतीय संविधान की प्रस्तावना Preamble of India in hindi -:

” हम, भारत के लोग,
भारत को एक
सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य
बनाने के लिए और
उसके समस्त नागरिकों को

सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय,
विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म व उपासना की स्वतंत्रता,
प्रतिष्ठा और अवसर की समता
प्राप्त कराने के लिए तथा
उन सब में व्यक्ति की गरिमा और
राष्ट्र की एकता तथा अखंडता
सुनिश्चित करने वाली बंधुता बढ़ाने के लिए

दृढ़ संकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज दिनांक 26 नवंबर 1949 ई. ( मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत् दो हजार छह विक्रमी ) को एतद द्वारा इस संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित करते हैं। “

भारतीय संविधान की प्रस्तावना से जुड़े हुए कुछ प्रश्न उत्तर Question Answer related with Preamble of Indian Constitution in hindi -:

प्रश्न -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना का प्रस्ताव किस के द्वारा पेश किया गया था ?

उत्तर -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना का प्रस्ताव पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के द्वारा पेश किया गया था। इसे ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ के नाम से जाना जाता है। यह प्रस्ताव 13 दिसंबर 1946 को लाया गया था। तथा संविधान सभा ने इस प्रस्ताव को 22 जनवरी 1947 को स्वीकार कर लिया।

प्रश्न -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान का परिचय पत्र किसने कहा है ?

उत्तर -: प्रसिद्ध न्यायविद तथा संवैधानिक विशेषज्ञ एन. ए. पालकीवाला ( नानाभोय ‘नानी’ अर्देशिर पालकीवाला )

प्रश्न -: संविधान की कुंजी किसे कहा जाता है ?

उत्तर -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना को

प्रश्न -: “समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और अखंडता” शब्दों को किस संविधान संशोधन द्वारा भारत की प्रस्तावना में जोड़ा गया ?

उत्तर -: 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 ई. द्वारा

प्रश्न -: भारत की प्रस्तावना की भाषा किस देश के संविधान से ली गई है ?

उत्तर -: ऑस्ट्रेलिया

प्रश्न -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना का विचार किस देश के संविधान से लिया गया है ?

उत्तर -: अमेरिका

प्रश्न -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना के अनुसार संविधान की सर्वोच्च शक्ति किस में निहित है ?

उत्तर -: भारत की जनता ( हम, भारत के लोग )

प्रश्न -: भारतीय संविधान का उद्देश्य बताने वाले वे शब्द कौन से हैं जो भारत की प्रस्तावना में लिखे हुए हैं ?

उत्तर -: भारत की प्रस्तावना में लिखे हुए वे शब्द, जो भारतीय संविधान का उद्देश्य बताते हैं। निम्नलिखित हैं।

  • न्याय
  • स्वतंत्रता
  • समता
  • गरिमा
  • एकता
  • अखंडता
  • बंधुता

प्रश्न -: भारतीय संविधान की प्रस्तावना में कितने प्रकार के न्याय का उल्लेख है ?

उत्तर -: तीन प्रकार के न्याय ( सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक )

प्रश्न -: भारत की प्रस्तावना में कितने प्रकार की स्वतंत्रता का उल्लेख किया गया है ?

उत्तर -: पांच प्रकार की स्वतंत्रता ( विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म व उपासना )

प्रश्न -: भारत की प्रस्तावना में कितने प्रकार की समानता का उल्लेख किया गया है ?

उत्तर -: दो प्रकार की समता ( प्रतिष्ठा और अवसर )

प्रश्न -: भारत की प्रस्तावना के अनुसार वे कौन से शब्द हैं जो भारत की प्रकृति या भारत की अवधारणा के बारे में उल्लेख करते हैं ?

उत्तर -: भारत की प्रस्तावना के अनुसार निम्नलिखित शब्द भारत की प्रकृति के बारे में बताते हैं।

  • सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न
  • समाजवादी
  • पंथनिरपेक्ष
  • लोकतंत्रात्मक
  • गणराज्य

Important cases related with preamble of india in hindi भारत की प्रस्तावना से जुड़े हुए प्रमुख वाद या केस -:

  • बेरुबारी यूनियन केस 1960 के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना, संविधान का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसे संविधान के प्रावधानों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत माना जाना चाहिए।
  • केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य 1973 के मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने अपने पिछले फैसले ( बेरुबारी संघ वाद ) को बदल दिया और कहा कि भारत की प्रस्तावना, संविधान का हिस्सा है।
  • अर्थात् अब भारतीय संविधान की प्रस्तावना को संविधान के अनुच्छेद 368 के तहत संशोधित किया जा सकता है। हालाँकि ऐसे संविधान संशोधन से संविधान का मूलभूत ढांचा नहीं बदला जा सकता है।
  • भारतीय जीवन बीमा निगम एवं अन्य बनाम कंज्यूमर एजुकेशन और रिसर्च एवं अन्य 1995 के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश अनुसार भारतीय संविधान की प्रस्तावना भारत के संविधान का अभिन्न अंग है।


भारतीय संविधान की प्रस्तावना अंग्रेजी में -:

WE, THE PEOPLE OF INDIA,

having solemnly resolved to constitute India
into a SOVEREIGN SOCIALIST SECULAR DEMOCRATIC REPUBLIC
and to secure to all its citizens:

JUSTICE, social, economic and political;
LIBERTY of thought, expression, belief, faith and worship;
EQUALITY of status and of opportunity;
and to promote among them all
FRATERNITY assuring the dignity of the individual and
the unity and integrity of the Nation;

IN OUR CONSTITUENT ASSEMBLY this twenty-sixth day of November, 1949,DO HEREBY ADOPT, ENACT AND GIVE TO OURSELVES THIS CONSTITUTION.

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भारतीय संविधान की प्रस्तावना

भारत के संविधान की प्रस्तावना किन शब्दों से शुरू होती है ?

हम, भारत के लोग

संविधान दिवस कब मनाया जाता है ?

26 नवंबर

भारतीय संविधान की प्रस्तावना में संशोधन कब किया गया था ?

सन् 1976 में, 42वें संविधान संशोधन अधिनियम के द्वारा

संविधान की प्रस्तावना हमारे दीर्घकालिक सपनों का विचार है।

सर अल्लादी कृष्ण स्वामी अय्यर जी

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