Famous Trilok Singh Thakurela Poems For Children, त्रिलोक सिंह ठकुरेला की सुप्रसिद्ध बाल कविताएँ, Trilok Singh Thakurela Ki Bal Kavitayen

10 + Famous Trilok Singh Thakurela Poems For Children

हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आज हम पढ़ेंगे Famous Trilok Singh Thakurela Poems For Children, त्रिलोक सिंह ठकुरेला की सुप्रसिद्ध बाल कविताएँ, Trilok Singh Thakurela Ki Bal Kavitayen.

Famous Trilok Singh Thakurela Poems For Children त्रिलोक सिंह ठकुरेला की सुप्रसिद्ध बाल कविताएँ -:

उपवन के फूल — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

हम उपवन के फूल मनोहर
सब के मन को भाते।
सब के जीवन में आशा
किरणें नई जगाते ।।

हिलमिल-हिलमिल महकाते हैं
मिलकर क्यारी-क्यारी।
सदा दूसरों के सुख दें,
यह चाहत रही हमारी।।

कांटो से घिरने पर भी,
सीखा हमने मुस्काना।
सारे भेद मिटाकर सीखा
सब पर नेह लुटाना॥

तुम भी जीवन जियो फूल सा,
सब को गले लगाओ।
प्रेम-गंध से इस दुनियाँ का
हर कोना महकाओ॥

नया सवेरा लाना तुम — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

टिक टिक करती घड़ियाँ कहतीं
मूल्य समय का पहचानो।
पल पल का उपयोग करो तुम
यह संदेश मेरा मानो ॥

जो चलते हैं सदा निरन्तर

बाजी जीत वही पाते।
और आलसी रहते पीछे
मन मसोस कर पछताते॥

कुछ भी नहीं असम्भव जग में,
यदि मन में विश्वास अटल।
शीश झुकायेंगे पर्वत भी,
चरण धोयेगा सागर­जल॥

बहुत सो लिये अब तो जागो,
नया सवेरा लाना तुम।
फिर से समय नहीं आता है,
कभी भूल मत जाना तुम॥

अंतरिक्ष की सैर — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

नभ में तारे कई देखकर
एक दिन बबलू बोला।
अंतरिक्ष की सैर करें, माँ
ले आ उड़न खटोला॥

कितने प्यारे लगते हैं
ये आसमान के तारे।
कौतूहल पैदा करते हैं
मन में रोज हमारे॥

झिलमिल झिलमिल करते रहते
हर दिन हमें इशारे।
रोज भेज देते हैं हम तक
किरणों के हरकारे॥

कोई ग्रह तो होगा ऐसा
जिस पर होगी बस्ती।
माँ,बच्चों के साथ वहाँ
मैं खूब करुँगा मस्ती॥

वहाँ नये बच्चों से मिलकर
कितना सुख पाऊँगा।
नये खेल सिखूँगा मैं,
कुछ उनको सिखलाऊँगा॥

वर्षा आई — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

रिमझिम रिमझिम वर्षा आई।
ठण्डी हवा बही सुखदाई ।।

बाहर निकला मेंढक गाता,
उसके पास नहीं था छाता,
सर पर बूँदें पड़ी दनादन
तब घर में लौटा शर्माता,

उसकी माँ ने डाँट लगाई।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई ।।

पंचम स्वर में कोयल बोली,
नाच उठी मोरों की टोली,
गधा रंभाया ढेंचू ढेंचू
सबको सूझी हँसी ठिठोली,

सब बोले अब चुपकर भाई ।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई।।

गुड़िया बोली – चाचा आओ,
लो, कागज़ लो, नाव बनाओ,
कंकड़ का नाविक बैठाकर
फिर पानी में नाव चलाओ,

नाव चली, गुड़िया मुसकाई ।
रिमझिम रिमझिम वर्षा आई ।।

चिड़िया — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

घर में आती जाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।

तिनके लेकर नीड़ बनाती ,
अपना घर परिवार सजाती ,

दाने चुन चुन लाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।

सुबह सुबह जल्दी जग जाती ,
मीठे स्वर में गाना गाती ,

हर दिन सुख बरसाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।

कभी नहीं वह आलस करती ,
मेहनत से वह कभी न डरती ,

रोज काम पर जाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।

हँसना , गाना कभी न भूलो ,
साहस हो तो नभ को छूलो ,

सबको यह सिखलाती चिड़िया ।
सबके मन को भाती चिड़िया ।।

मेला — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

सोनू मोनू गये शहर में ,
वहाँ लगा था मेला ।

सजी हुई थीं सभी दुकानें,
लगे हुए थे ठेला ।।

चाट पकौड़ी, पानी पूरी,
आइस्क्रीम, मिठाई ।

खट्टी मीठी गोल रसभरी
दोनों ने मिल खाई ।।

रंग बिरंगे गुब्बारों ने
उनको खूब लुभाया ।

जादूगर का खेल देखकर
मन में अचरज आया ।।

वहाँ हँसाता घूम रहा था
लाल टोप का जोकर ।

मेले से घर वापस आये
वे दोनों खुश होकर ।।

रोबोट — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

मम्मी, तुम रोबोट मंगा लो,
वही करेगा घर के काम ।

जो चाहोगी वही करेगा
तुम करना केवल आराम ।।

घर की साफ सफाई, मम्मी,
उससे ही करवाना ।

वही बनाकर देगा सबको
तरह तरह का खाना ।।

मुझको पढ़ने में होगी जब
कोई भी कठिनाई ।

उससे ही सब विषय पढ़ूगा,
होगी सरल पढ़ाई ।।

आयेगा रोबोट अगर घर
काम करेगा सारे ।

हम सब खूब करेंगे मस्ती,
हर दिन सांझ सकारे ।।

जीवन सुगम बनायें — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

हिलमिल हिलमिल चाँद सितारे
रहते साथ गगन में ।
गाते और फुदकते पंछी
मिलकर रहते वन में ।।

रंग रंग के, ढंग ढंग के
सुमन साथ में खिलते ।
उपवन और मनोहर लगता
जब तितली दल मिलते ।।

घूम घूमकर , झूम झूम जब
सागर में मिल जातीं ।
और तरंगित होती नदियां
सागर ही कहलातीं ।।

हम भी आपस में मिलजुल कर
जीवन सुगम बनायें ।
हँसते गाते जीवन पथ पर
आगे बढ़ते जायें ।।

नई सदी के बच्चे — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

नई सदी के बच्चे हैं हम
मिलकर साथ चलेंगे ।
प्रगति के रथ को हम मिलकर
नई दिशाएं देंगे ।

जल, थल, नभ में काम करेंगे
जो चाहें पायेंगे ।
सदा राष्ट्र की विजय पताका
मिलकर फहरायेंगे ।।

हर कुरीति, हर आडम्बर को
मिलकर नष्ट करेंगे ।
सबके मन में नई उमंगें,
सपने नये भरेंगे ।।

नई सदी के बच्चे हैं हम ,
नव प्रतिमान गढ़ेंगे ।
सबसे प्यारा देश हमारा,
सबको बतला देंगे ।।

घर में आई गौरैया — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

घर में आई गौरैया ।
झूम उठा छोटा भैया ।।

गौरैया भी झूम गयी ।
सारे घर में घूम गयी ।।

फिर मुंडेर पर जा बैठी ।
फिर आंगन में आ बैठी ।।

कितनी प्यारी वह सचमुच ।
खोज रही थी शायद कुछ ।।

गौरैया ने गीत सुनाया ।
भैया दाना लेकर आया ।।

दाना रखा कटोरे में ।
पानी रखा सकोरे में ।।

फुर्र उड़ी वह ले दाना ।
सबने मन में सुख माना ।।

सात रंग के घोड़े — Trilok Singh Thakurela Poems For Children -:

सूरज का रथ लिए जा रहे
सात रंग के घोड़े ।
कभी न भटके अपने पथ से
कभी न खाये कोड़े ।।

रोज नापते पूरब पश्चिम
कोई भी ऋतु आये ।
पथ में आयी बाधाओं से
कभी नहीं घबराये ।।

कभी न रुकते, कभी न थकते,
आगे बढ़ते जाते ।
जीवन का मतलब चलना है,
सबको यह समझाते ।।

सबको यही इशारे करते
सात रंग के घोड़े ।
वही पहुँचता मंजिल तक
जो पथ को कभी न छोड़े ।।

तुम भी कभी न हार मानना ,
चलते रहो निरन्तर ।
कदम तुम्हारे कभी न रोके
जग का कोई भी डर ।।

मन में अडिग इरादे लेकर
आगे बढ़ते जाना ।
एक नया इतिहास बनाकर
अपनी मंजिल पाना ।।

त्रिलोक सिंह ठकुरेला का संक्षिप्त परिचय -:

जन्म-तिथि — 01 – 10 – 1966
जन्म-स्थान — नगला मिश्रिया ( हाथरस )
पिता — श्री खमानी सिंह
माता — श्रीमती देवी

प्रकाशित कृतियाँ —

  1. नया सवेरा ( बाल कविता संग्रह )
  2. काव्यगंधा ( कुण्डलिया संग्रह )
  3. समय की पगडंडियों पर ( गीत संग्रह )
  4. आनन्द मंजरी ( मुकरी संग्रह)
  5. सात रंग के घोड़े ( बाल कविता संग्रह )

सम्पादन —

  1. आधुनिक हिंदी लघुकथाएँ
  2. कुण्डलिया छंद के सात हस्ताक्षर
  3. कुण्डलिया कानन
  4. कुण्डलिया संचयन
  5. समसामयिक हिंदी लघुकथाएँ
  6. कुण्डलिया छंद के नये शिखर
  7. समकालीन मुकरियाँ

सम्मान / पुरस्कार —

राजस्थान साहित्य अकादमी के ‘शम्भूदयाल सक्सेना बाल साहित्य पुरस्कार’ , पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी ( राजस्थान) के ‘बाल साहित्य सृजक सम्मान’, हिंदी साहित्य सम्मेलन( प्रयाग) के ‘ वागविदांवर सम्मान’ तथा पंजाब, कला साहित्य अकादमी के ‘विशेष अकादमी सम्मान’ सहित अनेक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित ।

प्रसारण — आकाशवाणी और रेडियो मधुवन से रचनाओं का प्रसारण

पाठ्यक्रम में — महाराष्ट्र राज्य की दसवीं कक्षा की पाठ्यपुस्तक ‘हिंदी कुमारभारती ‘ सहित लगभग दो दर्जन पाठ्यपुस्तकों में रचनाएँ सम्मिलित ।

अनुवाद — अनेक रचनाओं का पंजाबी में अनुवाद ।

विशिष्टता — कुण्डलिया छंद के उन्नयन , विकास और पुनर्स्थापना हेतु कृतसंकल्प एवं समर्पित ।

त्रिलोक सिंह ठकुरेला
बंगला संख्या-99
रेलवे चिकित्सालय के सामने,
आबू रोड-307026
जिला- सिरोही ( राजस्थान )
मो.- 9460714267
ईमेल- trilokthakurela@gmail.com

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