
Welcome to read some Famous Hindi Divas poems with hindi diwas 2021 images, हिन्दी दिवस 2021 पर कविताएं.
हिन्दी ऑनलाइन जानकारी की ओर से आप सभी पाठकों को हिंदी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं।

लगा रहे प्रेम हिन्दी में, पढूँ हिन्दी लिखूँ हिन्दी
चलन हिन्दी चलूँ, हिन्दी पहरना, ओढना खाना।
भवन में रोशनी मेरे रहे हिन्दी चिरागों की
स्वदेशी ही रहे बाजा, बजाना, राग का गाना।
राम प्रसाद बिस्मिल जी द्वारा लिखित उक्त पंक्तियां हम हिंदीभाषी लोगों का हिन्दी के प्रति प्रेम को भलीभांति प्रदर्शित करती हैं।
हिन्दी हमारी, आपकी और हम सब की भाषा है। आज हिंदी भाषा हर विषय में, हर क्षेत्र में अपना ध्वज फहराते हुए आगे बढ़ती जा रही है। चाहे वह विज्ञान का क्षेत्र हो या इंटरनेट की दुनिया, सब जगह हिंदी का बोलबाला है। और इस बात के लिए हम सब अपनी पीठ थपथपा सकते हैं क्योंकि किसी भाषा के आगे बढ़ने में उस भाषा को बोलने वाले, लिखने वाले, पढ़ने वाले लोगों का योगदान होता है।
हिन्दी दिवस 2021 के शुभ अवसर पर हिन्दी भाषा के लिए लिखी हुईं कुछ प्रसिद्ध कविताएं ( Hindi Divas poems/hindi diwas 2021 images ) हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आप सभी के लिए।
Famous Hindi Divas poems 2021 / hindi diwas 2021 images / हिन्दी दिवस 2021 पर कविताएं -:

मृणालिनी घुले जी द्वारा हिन्दी भाषा के लिए लिखित प्रसिद्ध कविता -: Hindi Divas poems
संस्कृत की एक लाड़ली बेटी है ये हिन्दी।
बहनों को साथ लेकर चलती है ये हिन्दी।
सुंदर है, मनोरम है, मीठी है, सरल है,
ओजस्विनी है और अनूठी है ये हिन्दी।
पाथेय है, प्रवास में, परिचय का सूत्र है,
मैत्री को जोड़ने की सांकल है ये हिन्दी।
पढ़ने व पढ़ाने में सहज है, ये सुगम है,
साहित्य का असीम सागर है ये हिन्दी।
तुलसी, कबीर, मीरा ने इसमें ही लिखा है,
कवि सूर के सागर की गागर है ये हिन्दी।
वागेश्वरी का माथे पर वरदहस्त है,
निश्चय ही वंदनीय मां-सम है ये हिंदी।
अंग्रेजी से भी इसका कोई बैर नहीं है,
उसको भी अपनेपन से लुभाती है ये हिन्दी।
यूं तो देश में कई भाषाएं और हैं,
पर राष्ट्र के माथे की बिंदी है ये हिन्दी।

अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा लिखित दो प्रमुख कविताएं -: Hindi Divas poems
1.
बनने चली विश्व भाषा जो,
अपने घर में दासी,
सिंहासन पर अंग्रेजी है,
लखकर दुनिया हांसी,
लखकर दुनिया हांसी,
हिन्दी दां बनते चपरासी,
अफसर सारे अंग्रेजी मय,
अवधी या मद्रासी,
कह कैदी कविराय,
विश्व की चिंता छोड़ो,
पहले घर में,
अंग्रेजी के गढ़ को तोड़ो
2.
गूंजी हिन्दी विश्व में
गूंजी हिन्दी विश्व में,
स्वप्न हुआ साकार;
राष्ट्र संघ के मंच से,
हिन्दी का जयकार;
हिन्दी का जयकार,
हिन्दी हिन्दी में बोला;
देख स्वभाषा-प्रेम,
विश्व अचरज से डोला;
कह कैदी कविराय,
मेम की माया टूटी;
भारत माता धन्य,
स्नेह की सरिता फूटी!

गिरिजा कुमार माथुर जी की लिखी हुई कविता -: Hindi Divas poems
एक डोर में सबको जो है बांधती
वह हिंदी है
हर भाषा को सगी बहन जो मानती
वह हिंदी है।
भरी-पूरी हों सभी बोलियां
यही कामना हिंदी है,
गहरी हो पहचान आपसी
यही साधना हिंदी है,
सौत विदेशी रहे न रानी
यही भावना हिंदी है,
तत्सम, तद्भव, देशी, विदेशी
सब रंगों को अपनाती
जैसे आप बोलना चाहें
वही मधुर, वह मन भाती
नए अर्थ के रूप धारती
हर प्रदेश की माटी पर,
‘खाली-पीली बोम मारती’
मुंबई की चौपाटी पर,
चौरंगी से चली नवेली
प्रीती-पियासी हिंदी है,
बहुत बहुत तुम हमको लगती
‘भालो-बाशी’ हिंदी है।
उच्च वर्ग की प्रिय अंग्रेजी
हिंदी जन की बोली है,
वर्ग भेद को ख़त्म करेगी
हिंदी वह हमजोली है,
सागर में मिलती धाराएं
हिंदी सबकी संगम है,
शब्द, नाद, लिपि से भी आगे
एक भरोसा अनुपम है,
गंगा-कावेरी की धारा
साथ मिलाती हिंदी है.
पूरब-पश्चिम,कमल-पंखुड़ी
सेतु बनाती हिंदी है।
सुनील जोगी जी द्वारा लिखित कविता -: Hindi Divas poems
हिंदी हमारी आन है हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी हमारी वर्तनी हिंदी हमारा व्याकरण
हिंदी हमारी संस्कृति हिंदी हमारा आचरण
हिंदी हमारी वेदना हिंदी हमारा गान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी हमारी आत्मा है भावना का साज़ है
हिंदी हमारे देश की हर तोतली आवाज़ है
हिंदी हमारी अस्मिता हिंदी हमारा मान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
हिंदी निराला, प्रेमचंद की लेखनी का गान है
हिंदी में बच्चन, पंत, दिनकर का मधुर संगीत है
हिंदी में तुलसी, सूर, मीरा जायसी की तान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
जब तक गगन में चांद, सूरज की लगी बिंदी रहे
तब तक वतन की राष्ट्रभाषा ये अमर हिंदी रहे
हिंदी हमारा शब्द, स्वर व्यंजन अमिट पहचान है।
हिंदी हमारी चेतना वाणी का शुभ वरदान है।
अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ जी द्वारा लिखित कविता -: Hindi Divas poems
पड़ने लगती है पियूष की शिर पर धारा।
हो जाता है रुचिर ज्योति मय लोचन-तारा।
बर बिनोद की लहर हृदय में है लहराती।
कुछ बिजली सी दौड़ सब नसों में है जाती।
आते ही मुख पर अति सुखद जिसका पावन नामही।
इक्कीस कोटि-जन-पूजिता हिन्दी भाषा है वही।
मैथिली शरण गुप्त जी द्वारा लिखित कविता -: Hindi Divas poems
करो अपनी भाषा पर प्यार ।
जिसके बिना मूक रहते तुम, रुकते सब व्यवहार ।।
जिसमें पुत्र पिता कहता है, पतनी प्राणाधार,
और प्रकट करते हो जिसमें तुम निज निखिल विचार ।
बढ़ायो बस उसका विस्तार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।
भाषा विना व्यर्थ ही जाता ईश्वरीय भी ज्ञान,
सब दानों से बहुत बड़ा है ईश्वर का यह दान ।
असंख्यक हैं इसके उपकार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।
यही पूर्वजों का देती है तुमको ज्ञान-प्रसाद,
और तुमहारा भी भविष्य को देगी शुभ संवाद ।
बनाओ इसे गले का हार ।
करो अपनी भाषा पर प्यार ।।
दिविशा तनेजा जी द्वारा लिखित कविता -: Hindi Divas poems
वैसे तो हर वर्ष बजता है नगाड़ा,
नाम लूँ तो नाम है हिंदी पखवाड़ा।
हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा,
कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा।
हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं।
अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते।
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया।
हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया।
देसी घी आजकल बटर हो गया,
चाकू भी आजकल कटर हो गया।
अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूँ,
हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूँ।।
Thank You for reading Famous Hindi Divas poems with hindi diwas 2021 images, हिन्दी दिवस 2021 पर कविताएं.
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गर्व करें कि आप हिंदीभाषी हैं।
हिन्दी दिवस 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं।
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This last poem was great
Thank you so much
Not a good
क्षमा चाहते हैं कि आपको कविताएं पसंद नहीं आईं।
अपना मत रखने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Bahut hi badhiya kavita….
धन्यवाद आपका।