हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आज हम पढ़ेंगे मंकीपॉक्स वायरस क्या है ?, मंकीपॉक्स वायरस के बारे में जानकारी, मंकीपॉक्स के लक्षण और उपचार के उपचार के बारे में जानकारी, What is Monkeypox Virus in Hindi ?
मंकीपॉक्स वायरस क्या है ? What is Monkeypox Virus in Hindi -:
WHO के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस एक डबल स्ट्रैंडेड DNA और एक जूनोटिक वायरस है। मंकीपॉक्स एक ऐसी संक्रामक बीमारी है, जिसका वायरस संक्रमित जानवर से इंसानों में पहुंचता है। यह वायरस संक्रमित जानवर के खून, पसीना या लार के संपर्क में आने या किसी संक्रमित जानवर या पशु उत्पादों के संपर्क में आने पर इंसान में फैल सकता है। हालांकि मंकीपॉक्स के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमण के मामले बहुत ही कम हैं।
मंकीपॉक्स का वायरस स्मॉलपॉक्स यानि चेचक के समूह से संबंधित है। मंकीपॉक्स वायरस Poxviridae परिवार में ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन्स से संबंधित है। ऑर्थोपॉक्सवायरस जीन्स में वेरियोला वायरस, वैक्सीनिया वायरस और काउपॉक्स वायरस भी शामिल हैं।
मंकीपॉक्स वायरस की खोज 1958 में डेनमार्क के कोपेनहेगन में प्रीबेन वॉन मैग्नस द्वारा केकड़े खाने वाले मैकाक बंदरों में हुई थी। इसकी पहचान सबसे पहले प्रयोगशाला के बंदरों में की गई थी इसलिए इसे मंकीपॉक्स नाम दिया गया। मंकीपॉक्स ज्यादातर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में होता है।
मंकीपॉक्स का मनुष्य में पहला मामला 1970 में कॉन्गो लोकतांत्रिक गणराज्य में सामने आया था। 2003 में पहली बार अमेरिका में अफ्रीकी कृन्तकों से पालतू प्रैरी कुत्तों में वायरस फैलने के मामले सामने आए।
मंकीपॉक्स के मुख्य लक्षण स्किन पर छाले, चकत्ते, बुखार, सिरदर्द, पीठ व मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस होना हैं। इसके अलावा रोगी के चेहरे और हाथ-पांव पर बड़े आकार के दाने हो सकते हैं। अधिकांश तौर पर संक्रमण 2 – 4 सप्ताह तक चलते हैं।
मंकीपॉक्स से संक्रमित में 1 से 5 दिन के बाद वायरस के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। त्वचा पर चकत्ते दिखाई देने लगते हैं। यह चेहरे से शुरु होकर धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों तक फैल जाते हैं। ये चकत्ते धीरे-धीरे छालों में बदलने लगते हैं फिर इनमें तरल सा पदार्थ भर जाता है।
WHO के अनुसार, वर्तमान में मंकीपॉक्स वायरस का कोई इलाज उपलब्ध नहीं है। चेचक को खत्म करने के लिए दी जाने वाली वैक्सीन – वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्यूलिन का इस्तेमाल मंकीपॉक्स वायरस की रोकथाम के लिए किया जाता है। हालिया वर्षों में चेचक और मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए वैक्सीनिया इम्यून ग्लोब्यूलिन वैक्सीन के थर्ड जनरेशन को मंजूरी दी गई है।
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