हिन्दी ऑनलाइन जानकारी पर आज हम पढ़ेंगे महान दार्शनिक अरस्तु के विचार, Philosopher Aristotle Quotes in Hindi, Arastu ke rajnitik vichar in hindi, Aristotle thoughts in hindi, Aristotle Teachings in hindi.
महान दार्शनिक अरस्तु के विचार, Philosopher Aristotle Quotes in Hindi -:
~ दुष्ट प्रवृत्ति के लोग पछतावे और अफसोस से भरे होते हैं।
~ एक दोस्त आपकी दूसरी आत्मा के समान है।
~ व्यक्ति जिससे भी डरता है उससे कभी भी प्रेम नहीं करता।
~ भय, बुराई की अभिलाषा से पैदा होने वाला दर्द है।
~ हम युद्ध करते हैं ताकि हम शांति में रह सके।
~ आशा, जागते हुए देखा गया एक सपना है।
~ ख़ुशी स्वयं हमारे ऊपर निर्भर करती है।
~ हम बहादुर काम के द्वारा ही बहादुर बन सकते हैं।
~ महान प्रतिभा में पागलपन का मिश्रण जरूर होता है।
~ एक इंसान स्वाभाविक तरीके से ज्ञान की अभिलाषा रखता है।
~ मनुष्य अपने स्वभाव से ही राजनीति करता है।
~ मनुष्य अपनी प्रकृति से ही ज्ञान की इच्छा रखता है।
~ ख़ुशी ही इस जीवन का अर्थ और उददेश्य है।
~ गरीबी, क्रांति और अपराध की जननी है।
~ धैर्य कड़वा होता है पर इसका फल मीठा होता है।
~ एक पड़ाव के बाद पैसो का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
~ दर्शन ( फिलोसोफी ) लोगों को बीमार बना देता है।
~ अच्छा व्यवहार सभी गुणों का सार है।
~ हमारे मन की ऊर्जा ही जीवन का सार है।
~ अच्छी शुरुआत करने से आधा काम हो जाता है।
~ शिक्षा बुढ़ापे के लिए सबसे अच्छा साथी है।
~ इस प्रकृति की सभी चीजों में कुछ न कुछ अद्भुत जरुर होता है।
~ अगर आपने एक बार ठान लिया तो संसार की हर परेशानी आपके साहस के आगे घुटने टेक देगी।
~ अपने दोस्त का सम्मान करो, उसकी प्रशंसा करो और जब जरूरत पड़े उसकी मदद करो।
~ हमें न तो कायर होना चाहिए और न ही अविवेकी। बल्कि हमें साहसी होना चाहिए।
~ जो व्यक्ति एकांत में खुश रहता है या तो वह एक जानवर होता है या फिर भगवान।
~ युवा आसानी से धोखा खाते है क्योंकि वो हमेशा ही जल्दबाजी करते है।
~ जो लोग अपने डर को जीत लेते हैं, तो वो लोग सही मायनों में मुक्त हो जाते हैं।
~ पढ़ाई – लिखाई ( शिक्षा ) की जड़ें कड़वी जरूर होती है, लेकिन उसका फल मीठा होता है।
~ बिना पागलपन के किसी भी महान दिमाग का अस्तित्व नहीं होता है।
~ आलोचना से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है – कुछ भी मत करो, कुछ भी मत कहो और कुछ मत बनो।
~ लोकतंत्र तब बेहतर होता है जब किसी अमीर की जगह कोई गरीब व्यक्ति देश का शासक हो।
~ अपने काम में खुश रहने से ही, आप अपने काम को पूरा कर सकते हो।
~ जो व्यक्ति सभी लोगों का दोस्त होता है, वह व्यक्ति किसी का दोस्त नहीं होता है।
~ अगर इस दुनिया में औरतें नहीं होती तो इस दुनिया की सारी धन – दौलत बेकार होती।
~ हमारे जीवन के अंधकार समय के वक़्त हमें अपना ध्यान रोशनी देखने पर रखना चाहिए।
~ बुद्धिमान का उद्देश्य ख़ुशी को सुरक्षित रखना नहीं होता है बल्कि अपने दुःख को दूर रखना होता है।
~ हमारा चाल-चलन, स्वभाव, व्यवहार और आचरण ही हमारी बात मनवाने का सबसे प्रभावपूर्ण जरिया हो सकता है।
~ अगर आप में साहस नहीं है तो आप इस दुनिया में कुछ भी हासिल नहीं कर सकते है।
~ पैसों के लिए की जाने वाली सभी नौकरियां हमारे दिमाग का शोषण व अवमूल्यन कर देती है।
~ कोई भी व्यक्ति उस इंसान से प्यार नही कर सकता है जिससे वो डरता है।
~ किसी भी इंसान का स्वभाव ही उसे विश्वसनीय बनाता है, न कि उसकी धन दौलत। इसलिए धन दौलत से ज्यादा स्वभाव को महत्व देना चाहिए।
~ संकोच करना युवा लोगों के लिए एक आभूषण हो सकता है लेकिन बड़ी उम्र के लोगों के लिए यह एक धिक्कार होता है।
~ जिस प्रकार एक खाली बर्तन बहुत ज्यादा आवाज करता है, ठीक उसी प्रकार मंदबुद्धि के लोग ज्यादा ढींगें मारते हैं।
~ एक आदमी के पास चाहे सब कुछ हो। लेकिन वो मित्रों के बिना जीना नहीं चाहेगा।
~ सीखना कोई बच्चों का खेल नहीं है। हम बिना दर्द के कुछ भी नहीं सीख सकते।
~ दोस्त बनना एक जल्दी का काम है लेकिन दोस्ती धीरे – धीरे पकने वाला फल है।
~ उत्तम इंसान वो ही बन सकता है जो दुख और चुनौतियों को भगवान का आशीर्वाद मानकर उन्हें स्वीकार कर आगे बढ़ता है।
~ श्रेष्ठ होना कोई काम नहीं बल्कि यह हमारी एक आदत है, जिसे हम बार बार करते हैं।
~ हम लोगों को माता पिता से ज्यादा अच्छी शिक्षा देने वाले गुरुओं को ज्यादा सम्मान देना चाहिए। क्योंकि माता पिता ने तो हमें जन्म दिया है लेकिन गुरुओं ने हमको जीना सिखाया है।
~ शत्रुओं पर जीत हासिल करने से ज्यादा अपनी इच्छाओं पर जीत हासिल करना कठिन है, हम लोग अपनी इच्छाओं को आसानी से काबू नहीं कर सकते है।
~ इंसान एक ऐसा प्राणी है, जो अपने लक्ष्यों के लिए जीता है। उसके जीवन का यही अर्थ होना चाहिए कि वह अपने लक्ष्यों के लिए कोशिश करता रहे और उन्हें प्राप्त करता रहे।
~ इंसानों के सभी कार्य इन सातों में से किसी एक या अधिक वजह से होते हैं – अवसर, प्रकृति, लाचारी, स्वभाव, वजह, पागलपन और अभिलाषा।
~ अगर हम अच्छा लिखना चाहते है तो हमें एक सामान्य व्यक्ति की तरह रहना चाहिए। लेकिन जब बात सोचने की हो तो हमें एक विद्वान व्यक्ति की तरह सोचना चाहिए।
~ कोई भी व्यक्ति क्रोध कर सकता है, यह बिल्कुल आसान है। लेकिन सही आदमी से, सही सीमा में, सही वक्त पर, सही उद्देश्य के साथ और सही तरीके से क्रोधित होना सभी लोगों के बस की बात नहीं है और न ही इतना आसान है।
~ एक इंसान, सभी प्राणियों में सबसे अच्छे रूप में सबसे उदारशील होता है। लेकिन कानून और न्याय की व्यवस्था ना हो तो वो सबसे खराब बन जाता है।
~ अगर आप में साहस नहीं है तो इस संसार में आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं। क्योंकि प्रतिष्ठा के बाद साहस ही दिमाग की महानतम विशेषता है।
~ श्रेष्ठता वो हुनर होता है जो अभ्यास और आदत से आता है। हम इसलिए अच्छे कर्म नहीं करते हैं कि हमारे अंदर बेहतर श्रेष्ठता है। बल्कि वो हमारे भीतर इसलिए है क्योंकि हमने अच्छे कर्म किए है। हम वो है जो बार बार करते हैं इसलिए श्रेष्ठता कोई कार्य नहीं, बल्कि एक आदत है।
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