दार्शनिक सुकरात के विचार, Philosopher Socrates Quotes in Hindi, Sukrat ke rajnitik vichar in hindi, Socrates thoughts in hindi, Socrates Teachings in hindi

50 + Famous Socrates Quotes in Hindi

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महान दार्शनिक सुकरात के विचार, Great Philosopher Socrates Quotes in Hindi -:

~ जीवन नहीं, बल्कि अच्छे जीवन को महत्व देना चाहिए।

~ शिक्षा एक लौ जलाना है, किसी बर्तन को भरना नहीं।

~ ईर्ष्या आत्मा का कलंक है।

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दार्शनिक सुकरात के विचार, Philosopher Socrates Quotes in Hindi

~ आलस्य में बिताया गया जीवन आत्महत्या के समान है।

~ गलत के साथ टिके रहने की तुलना में राय को बदलना बेहतर है।

~ उग्र प्यार का अंत सबसे ठंडा होता है।

~ संतोष प्राकृतिक संपदा है और विलासिता कृत्रिम दरिद्रता है।

~ शादी न होने तक किसी भी आदमी को दुखी न कहें।

~ हम बेहतर बनने की चाह में बेहतर नहीं जी सकते।

~ जिंदगी को बदलने के लिए पहले खुद को बदलिये।

~ अक्सर गहरी इच्छाओं से घोर नफरत पैदा होती है।

~ एक ईमानदार व्यक्ति सदा एक बच्चा होता है।

~ प्रश्न को अच्छे से समझ लेना ही आधा उत्तर होता है।

~ कवि मात्र देवताओं के व्याख्याकार हैं।

~ आश्चर्य ही बुद्धिमानी की शुरुआत है।

~ अपने आपको जानने के लिए अपने बारे में सोचें।

~ आप कुछ नहीं जानते इस बात का ज्ञान ही केवल सत्य ज्ञान है।

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~ जिस जीवन में परीक्षाएँ न हों, वह जीवन जीने योग्य नहीं है।

~ सबसे अमीर वह है जो थोड़े में संतुष्ट है। क्योंकि संतुष्टि प्रकृति की दौलत है।

~ याद रखें कि जो करने में अशोभनीय है, वह बोलने में भी अशोभनीय है।

~ ज्ञान को धन से ज्यादा महत्त्वपूर्ण समझें क्यूंकि ज्ञान शाश्वत है और धन क्षणभंगुर।

~ केवल अत्यंत अज्ञानी या अत्यंत बुद्धिमान ही परिवर्तन का विरोध कर सकते हैं।

~ जब बहस खत्म होती है, तब निंदा हारने वाले का हथियार बन जाती है।

~ प्रकृति ने हमें दो कान, दो आंखें, किंतु एक जीभ दी है, ताकि हम बोलने से ज्यादा सुने और देखें।

~ एक सच्चा व्यक्ति हमेशा एक छोटे बच्चे की तरह कोमल और मासूम स्वभाव का होता है।

~ पवित्र और कोमल शब्दों से कठोर दिलों को भी जीता जा सकता है।

~ सिर्फ जीना मायने नहीं रखता है, बल्कि सच्चाई से जीना मायने रखता है।

~ परिवर्तन का रहस्य ये है कि पुरानी चीजों के लिए लड़ना छोड़ नई चीजों को के निर्माण में अपनी पूरी ऊर्जा लगाएं।

~ जो मनुष्य अपने अवगुण और दूसरों के गुण देखता है वही महान व्यक्ति बन सकता है।

~ हर व्यक्ति के प्रति दयालु बने, क्योंकि हर व्यक्ति एक कठिन लड़ाई लड़ रहा है।

~ इस दुनिया में सम्मान से जीने का सबसे महान तरीका है कि हम वह बनें जो हम होने का दिखावा करते हैं।

~ इस दुनिया में केवल एक ही चीज अच्छी है – ज्ञान। और केवल एक ही चीज बुरी है – अज्ञान।

~ मैं किसी को कुछ भी नहीं पढ़ा सकता, मैं केवल उन्हें सोचनें पर मजबूर कर सकता हूँ।

~ मैं बुद्धिजीवी हूँ, क्योंकि मैं एक चीज जानता हूं और वह यह है कि मैं कुछ भी नहीं जानता।

~ सभी मनुष्यों की आत्माएं अमर हैं, लेकिन सदाचारियों की आत्माएं अमर और दिव्य हैं।

~ वह साहसी व्यक्ति है जो भागता नहीं है। बल्कि अपने स्थान पर बना रहता है और शत्रुओं का सामना करता है।

~ जो व्यक्ति अपने पास की चीजों से संतुष्ट नहीं है। वह भविष्य में मिलने वाली चीजों से भी संतुष्ट नहीं हो पाएगा।

~ जिन लोगों के लिए हमारे मन में सम्मान होता है, हम उनसे डरते भी हैं। लेकिन जिनसे हम सिर्फ डरते हैं, उनका सम्मान नहीं करते हैं।

~ चाहे जो हो जाए शादी जरूर करनी चाहिए। अगर अच्छी पत्नी मिली तो जिंदगी खुशहाल बन जाएगी और अगर बुरी पत्नी मिली तो आप दार्शनिक बन जाएंगे।

~ साधारणतः हमारी प्रार्थना आशीर्वाद के लिए होनी चाहिए, क्योंकि भगवान अच्छी तरह जानता है कि हमारे लिए क्या अच्छा है।

~ मानव जाति दो प्रकार के लोगों से बनी है – बुद्धिमान लोग जो जानते हैं कि वे मूर्ख हैं और मूर्ख जो सोचते हैं कि वे बुद्धिमान हैं।

~ मूल्यहीन व्यक्ति केवल खाने और पीने के लिए जीते हैं जबकि मूल्यवान व्यक्ति केवल जीने के लिए खाते और पीते हैं।

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दार्शनिक सुकरात के विचार, Philosopher Socrates Quotes in Hindi

~ मित्रता करने में धीमे रहें, लेकिन एक बार जब मित्रता हो जाये तो दृढ़ और स्थिर रहें।

~ जो इस पार या उस पार का संकल्प करते हैं वही विजेता कहलाते हैं। बीच वाला तो बीच में ही डूब जाता है।

~ गौरव पाने का सबसे आसान तरीका है कि आप वही बनने का प्रयत्न करें, जो आप बनना चाहते हैं, जो सोचते हैं।

~ मजबूत दिमाग विचारों पर चर्चा करते हैं, औसत दिमाग घटनाओं पर चर्चा करते हैं, कमजोर दिमाग लोगों पर चर्चा करते हैं।

~ मात्र प्रशंसा के द्वारा मित्र न बनाएं, बल्कि उन्हें अपने प्रेम का प्रत्यक्ष प्रमाण देकर पाएं।

~ विवाह या ब्रह्मचर्य आदमी चाहे जो भी रास्ता चुन ले। उसे बाद में पछताना ही पड़ता है।

~ झूठे शब्द न सिर्फ़ अपने आप में बुराई हैं, बल्कि वे आत्मा को भी दूषित कर देते हैं।

~ यदि किसी व्यक्ति को अपने धन पर गर्व है, तो उसकी प्रशंसा तब तक नहीं की जानी चाहिए, जब तक यह ज्ञात नहीं हो जाता कि उसने उसे कैसे नियोजित किया है।

~ याद रखें कि मानवीय मामलों में कुछ भी स्थिर नहीं है। इसलिए समृद्धि में अनुचित उत्साह से बचें या प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुचित अवसाद से बचें।

~ कभी कभी आप दीवारें दूसरों को दूर रखने के लिए खड़ी नहीं करते, बल्कि इसलिए खड़ी करते हैं कि आप ये देखना चाहते हैं कि इन्हें कौन तोड़ने की कोशिश करता है।

~ दूसरों के लेख द्वारा स्वयं को बेहतर बनाने में अपना समय दें, ताकि आप आसानी से वह हासिल कर सकें। जिसके लिए दूसरों ने कड़ी मेहनत की है।

~ अगर आप अच्छे घुड़सवार बनना चाहते हैं तो सबसे बेकाबू घोड़े को चुनें। क्योंकि अगर आप इसे काबू में कर लेते हैं तो आप हर घोड़े को काबू कर सकते हैं।

~ सही अक्ल हम में से हर एक को आती है। जब हमें एहसास होता है कि हम जीवन को, खुद को और अपने आसपास की दुनिया को कितना कम समझते हैं।

~ दुनिया में सम्मान के साथ जीने का सबसे अल्पकालीन और निश्चित तरीका है कि जो हम लगना चाहते हैं, वो वास्तव में हों। और यदि हम ध्यान से देखेंगे, तो हम पाएंगे कि सभी मानवीय गुण उनके अभ्यास से अपने आप बढ़ते और दृढ़ होते हैं।

~ जो आपके सभी शब्दों और कार्यों की प्रशंसा करते हैं। उन वफादार लोगों के बारे में नहीं, बल्कि उनके बारे में सोचें जो आपके दोषों पर सहृदय फटकार लगाते हैं।

~ जहाँ श्रद्धा है वहाँ भय है। लेकिन हर जगह जहाँ भय है वहाँ श्रद्धा नहीं है। क्योंकि भय का श्रद्धा की तुलना में व्यापक विस्तार है।

~ नैतिक व्यवस्था, जो सापेक्ष भावनात्मक मूल्यों पर आधारित होती है, मात्र एक भ्रम है। पूरी तरह से अश्लील अवधारणा है जिसमें कुछ भी दृढ़ नहीं है और कुछ भी सच नहीं है।

~ सुदृढ़ मानसिकता वाले लोग सिद्धातों अथवा उद्देश्यों की चर्चा करते हैं। सामान्य मानसिकता वाले लोग घटनाओं की चर्चा करते हैं तथा कमजोर मानसिकता वाले लोग लोगों की चर्चा करते हैं।

~ आपका दिमाग ही आपका उपदेशक है, यह हमेशा परिवर्तन से मुक्त रहना चाहता है। दर्द से मुक्त, जीवन और मृत्यु के झंझटों से मुक्त। लेकिन परिवर्तन ही संसार का नियम है और कोई भी मान्यता इस सच्चाई को बदल नहीं सकती।

~ लगता है साधारण इंसान यह अनुभव नहीं कर पाते कि जो वास्तव में दर्शन में ख़ुद को सही रीति से ढालते हैं, वे सीधे तौर पर और अपने हिसाब से खुद को मरण और मृत्यु के लिए तैयार कर रहे होते हैं।

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