harishankar parsai quotes in hindi, harishankar parsai vyangya in Hindi, हरिशंकर परसाई के विचार, हरिशंकर परसाई के व्यंग्य, हरिशंकर परसाई के सामाजिक व्यंग्य

50 + Famous Harishankar Parsai Quotes in hindi

हिन्दी ऑनलाइन जानकारी के मंच पर आज हम पढ़ेंगे harishankar parsai quotes in hindi, Harishankar Parsai vyangya in Hindi, Famous Quotes Of Harishankar Parsai In Hindi, हरिशंकर परसाई के विचार, हरिशंकर परसाई के व्यंग्य संग्रह, हरिशंकर परसाई के राजनीतिक व्यंग्य, हरिशंकर परसाई के सामाजिक व्यंग्य.

Famous Harishankar Parsai quotes in hindi हरिशंकर परसाई के व्यंग्य -:

~ सार्थक श्रम से बड़ी कोई प्रार्थना नहीं है।

~ राजनीति में शर्म केवल मूर्खों को ही आती है।

~ लड़कों को, ईमानदार बाप निकम्मा लगता है।

~ दूसरों के दुख को मान्यता देना ही सहानुभूति है।

~ व्यभिचार से जाति नहीं जाती है; शादी से जाती है।

~ धर्म अच्छे को डरपोक और बुरे को निडर बनाता है।

~ झूठ बोलने के लिए सबसे सुरक्षित जगह अदालत है।

~ नाक की हिफ़ाज़त सबसे ज़्यादा इसी देश में होती है। (harishankar parsai quotes)

~ अंधभक्त होने के लिए प्रचंड मूर्ख होना अनिवार्य शर्त है।

~ सत्य को भी प्रचार चाहिए, अन्यथा वह मिथ्या मान लिया जाता है।

~ तारीफ़ करके आदमी से कोई भी बेवकूफ़ी करायी जा सकती है।

~ चश्मदीद वह नहीं है, जो देखे; बल्कि वह है, जो कहे कि मैंने देखा।

~ जो पानी छानकर पीते हैं, वो आदमी का खून बिना छाने पी जाते हैं।

~ सोचना एक रोग है, जो इस रोग से मुक्त हैं और स्वस्थ हैं, वे धन्य हैं।

~ हीनता के रोग में किसी के अहित का इंजेक्शन बड़ा कारगर होता है।

~ इस देश के बुद्धिजीवी शेर हैं पर वे सियारों की बारात में बैंड बजाते हैं। (harishankar parsai quotes)

~ गाली वही दे सकता है, जो रोटी खाता है। पैसा खाने वाला सबसे डरता है।

~ बेइज्जती में अगर दूसरे को भी शामिल कर लो तो आधी इज्जत बच जाती है।

~ दुनिया में भाषा, अभिव्यक्ति के काम आती है। इस देश में दंगे के काम आती है।

~ ग़रीबों के साथ धोखों का अविष्कार करने के मामले में अपना देश बहुत आगे है।

~ जब शर्म की बात गर्व की बात बन जाए, तब समझो कि जनतंत्र बढ़िया चल रहा है।

~ हर आदमी बेईमानी की तलाश में है। और हर आदमी चिल्लाता है, बड़ी बेईमानी है।

~ इस पृथ्वी पर जनता की उपयोगिता कुल इतनी है कि उसके वोट से मंत्रिमंडल बनते हैं। (harishankar parsai quotes)

~ नारी-मुक्ति के इतिहास में यह वाक्य अमर रहेगा कि – ‘एक की कमाई से पूरा नहीं पड़ता।’

~ राजनीति में, साहित्य में, कला में, धर्म में, शिक्षा में। अंधे बैठे हैं और आँखवाले उन्हें ढो रहे हैं।

~ एक बार कचहरी चढ़ जाने के बाद सबसे बड़ा काम है, अपने ही वकील से अपनी रक्षा करना।

Harishankar Parsai Vyangya in Hindi -:

~ एक देश है। गणतंत्र है। समस्याओं को इस देश में झाड़-फूँक, टोना-टोटका से हल किया जाता है।

~ सरकार का विरोध करना भी सरकार से लाभ लेने और उससे संरक्षण प्राप्त करने की एक तरकीब है।

~ पुरुष रोता नहीं है पर जब वो रोता है, रोम-रोम से रोता है। उसकी व्यथा पत्थर में दरार कर सकती है।

~ सफेदी की आड़ में हम बूढ़े वह सब कर सकते हैं, जिसे करने की तुम जवानों की भी हिम्मत नहीं होती।

~ जब मैं प्राण त्याग करूँगा तब इस बात की आशंका है कि झूठे रोने वाले सच्चे रोने वालों से बाज़ी मार ले जाएंगे। (harishankar parsai quotes)

~ जो गिरनेवाला है, वह नहीं देख सकता कि वह गिर रहा है। दूर से देखनेवाला ही उसके गिरने को देख सकता है।

~ आदमी की पहली आवश्यकता अन्न नहीं, वस्त्र है। आदमी एक दिन भूखा रह सकता है पर नंगा नहीं रह सकता।

~ आत्मविश्वास कई प्रकार का होता है, धन का, बल का, ज्ञान का। लेकिन मूर्खता का आत्मविश्वास सर्वोपरि होता है।

~ निंदकों को दंड देने की जरूरत नहीं, खुद ही दंडित है। आप चैन से सोइए और वह जलन के कारण सो नहीं पाता।

~ सबसे बड़ी मूर्खता है – इस विश्वास से लबालब भरे रहना कि लोग हमें वही मान रहे हैं, जो हम उन्हें मनवाना चाहते हैं।

~ मुझे यह शिकायत है कि जिसने अश्रुगैस में देश को आत्मनिर्भर बना दिया उसे शांति का नोबेल पुरस्कार क्यों नहीं मिला।

~ नशे के मामले में हम बहुत ऊँचे हैं. दो नशे खास हैं- हीनता का नशा और उच्चता का नशा. जो बारी-बारी से चढ़ते रहते हैं।

~ हमारे देश में सबसे आसान काम आदर्शवाद बघारना है और फिर घटिया से घटिया उपयोगितावादी की तरह व्यवहार करना है। (harishankar parsai quotes)

~ दिवस कमजोर का मनाया जाता है, जैसे महिला दिवस, अध्यापक दिवस, मजदूर दिवस। कभी थानेदार दिवस नहीं मनाया जाता।

~ फ़ासिस्ट संगठन की विशेषता होती है कि दिमाग़ सिर्फ़ नेता के पास होता है, बाक़ी सब कार्यकर्ताओं के पास सिर्फ़ शरीर होता है।

~ जिनकी हैसियत है वे एक से भी ज्यादा बाप रखते हैं। एक घर में, एक दफ्तर में, एक-दो बाजार में, एक-एक हर राजनीतिक दल में।

~ धन उधार देकर समाज का शोषण करने वाले धनपति को जिस दिन “महाजन” कहा गया होगा, उस दिन ही मनुष्यता की हार हो गई ।

Famous Quotes Of Harishankar Parsai In Hindi, हरिशंकर परसाई के विचार -:

~ ‘जूते खा गए’ अजब मुहावरा है। जूते तो मारे जाते हैं। वे खाए कैसे जाते हैं? मगर भारतवासी इतना भुखमरा है कि जूते भी खा जाता है।

~ हम मानसिक रूप से दोगले नहीं तिगले हैं। संस्कारों से सामन्तवादी हैं, जीवन मूल्य अर्द्ध-पूँजीवादी हैं और बातें समाजवाद की करते हैं।

~ इस देश में जो किसी की नौकरी नहीं करता, वह चोर समझा जाता है। गुलामी के सिवा शराफत की कोई पहचान हम जानते ही नहीं हैं।

~ बलात्कार को पाशविक कहा जाता है, पर यह पशु की तौहीन है, पशु बलात्कार नहीं करते। सुअर तक नहीं करता, मगर आदमी करता है। (harishankar parsai quotes)

~ व्यस्त आदमी को अपना काम करने में जितनी अक्ल की ज़रूरत पड़ती है, उससे ज़्यादा अक्ल बेकार आदमी को समय काटने में लगती है।

~ धार्मिक उन्माद पैदा करना, अंधविश्वास फैलाना, लोगों को अज्ञानी और क्रूर बनाना; राजसत्ता, धर्मसत्ता और पुरुष सत्ता का पुराना हथकंडा है |

~ प्रजातंत्र में सबसे बड़ा दोष तो यह है कि उसमें योग्यता को मान्यता नहीं मिलती, लोकप्रियता को मिलती है। हाथ गिने जाते हैं, सर नहीं तौले जाते।

~ बाज़ार बढ़ रहा है , इस सड़क पर किताबों की एक नयी दुकान खुली है और दवाओं की दो। ज्ञान और बीमारी का यही अनुपात है हमारे शहर में।

~ पुस्तक लिखने वाले से बेचने वाला बड़ा होता है। कथा लिखने वाले से कथा वाचक बड़ा होता है। सृष्टि निर्माता से सृष्टि को लूटने वाला बड़ा होता है। (harishankar parsai quotes)

~ चाहे कोई दार्शनिक बने. साधु बने या मौलाना बने. अगर वो लोगों को अंधेरे का डर दिखाता है, तो ज़रूर वो अपनी कंपनी का टॉर्च बेचना चाहता है।

~ हमारे लोकतंत्र की यह ट्रेजेडी और काॅमेडी है कि कई लोग जिन्हें आजन्म जेलखाने में रहना चाहिए वे ज़िन्दगी भर संसद या विधानसभा में बैठते हैं।

~ इस देश के आदमी की मानसिकता ऐसी कर दी गयी है कि अगर उसका भला भी करो तो, उसे शक होता है कि किसी और का भला किया गया है।

~ विचार जब लुप्त हो जाता है, या विचार प्रकट करने में बाधा होती है, या किसी के विरोध से भय लगने लगता है। तब तर्क का स्थान हुल्लड़ या गुंडागर्दी ले लेती है।

~ जिसकी बात के एक से अधिक अर्थ निकलें, वह संत नहीं होता, लुच्चा आदमी होता है। संत की बात सीधी और स्पष्ट होती है और उसका एक ही अर्थ निकलता है।

~ राजनीतिज्ञों के लिए हम नारे और वोट हैं, बाकी के लिए हम गरीब, भूख, महामारी और बेकारी हैं। मुख्यमंत्रियों के लिए हम सिरदर्द हैं और उनकी पुलिस के लिए हम गोली दागने के निशाने हैं। (harishankar parsai quotes)

~ बच्चा, ये कोई अचरच की बात नहीं है। हमारे यहाँ जिसकी पूजा की जाती है उसकी दुर्दशा कर डालते हैं। यही सच्ची पूजा है। नारी को भी हमने पूज्य माना और उसकी जैसी दुर्दशा की सो तुम जानते ही हो।

~ सबसे निरर्थक आंदोलन भ्रष्टाचार के विरोध का आंदोलन होता है। भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से कोई नहीं डरता। एक प्रकार का यह मनोरंजन है जो राजनीतिक पार्टी कभी-कभी खेल लेती है, जैसे कबड्डी का मैच।

~ नाम बदलने से कुछ नहीं होता, बीमारी पेट के भीतर है। ऊपर मलहम चुपड़ने से दूर नहीं होती। लेकिन गमले में खेती करवा के खाद्य समस्या हल करने वाले नेताओं का ख्याल रहा है कि नाम से ही सब कुछ होता है।

~ अब करना यह चाहिए। रोज़ विधानसभा के बाहर एक बोर्ड पर ‘आज का बाजार भाव’ लिखा रहे। साथ ही उन विधायकों की सूची चिपकी रहे जो बिकने को तैयार हैं। इससे ख़रीददार को भी सुविधा होगी और माल को भी।

~ साल-भर सांप दिखे तो उसे भगाते हैं। मारते हैं। मगर नागपंचमी को सांप की तलाश होती है, दूध पिलाने और पूजा करने के लिए। सांप की तरह ही शिक्षक दिवस पर रिटायर्ड शिक्षक की तलाश होती है, सम्मान करने के लिए। (harishankar parsai quotes)

~ अगर दो साइकिल सवार सड़क पर एक-दूसरे से टकराकर गिर पड़ें तो उनके लिए यह लाज़िम हो जाता है कि वे उठकर सबसे पहले लड़ें, फिर धूल झाड़ें। यह पद्धति इतनी मान्‍यता प्राप्‍त कर चुकी है कि गिरकर न लड़ने वाला साइकिल सवार बुज़दिल माना जाता है, क्षमाशील संत नहीं।

~ देश की आधी ताकत लड़कियों की शादी करने मे जा रही है। पाव ताकत छिपाने मे जा रही है, शराब पीकर छिपाने में, प्रेम करके छिपाने में, घूस लेकर छिपाने में, बची पाव ताकत से देश का निर्माण हो रहा है, तो जितना हो रहा है, बहुत हो रहा है। आख़िर एक चौथाई ताकत से कितना होगा।

Thank you for reading harishankar parsai quotes in hindi, Harishankar Parsai vyangya in Hindi, हरिशंकर परसाई के विचार, हरिशंकर परसाई के व्यंग्य संग्रह, हरिशंकर परसाई के राजनीतिक व्यंग्य, हरिशंकर परसाई के सामाजिक व्यंग्य.

अन्य लेख -:

Please Do Follow -: Telegram Channel