Mahatma Gandhi Quotes In Hindi Images : महात्मा गांधी व्यक्ति को जीवन मार्ग पर आगे बढ़ते रहने में एक पथ-प्रदर्शक की भांति सहायता प्रदान करते हैं। उनके विचार सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलना सिखाते हैं।
महात्मा गांधी जी के बारे में प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने कहा था कि –
” हजार साल बाद आने वाली नस्लें इस बात पर मुश्किल से विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना ऐसा कोई व्यक्ति भी धरती पर कभी आया था। “
उनके के बारे में हिबर्ट जर्नल में ब्रिटिश लेखक गिलबर्ट मूरे ने कहा है कि –
” ऐसा व्यक्ति जिसे इंद्रिय सुख की चाह नहीं है, उसे धन, ऐश्वर्य, सुख, प्रशंसा एवं प्रोन्नति की चाह नहीं है। लेकिन जो वह सही मानते हैं, उसे करने के लिए दृढ़ निश्चयी रहते हैं। वह एक खतरनाक व कष्टप्रद शत्रु हैं चूंकि उनके शरीर को नियंत्रित किया जा सकता है, परंतु उनकी आत्मा और आत्मबल को नहीं। “
ऐसे ही कई महान लोगों ने उनके के बारे में लिखा है और उनके विचारों को अपनाया है। उनके के विचार ही हैं जिन्होंने कई महान लोगों को महान कार्य करने के लिए प्रेरित किया है। महात्मा गांधी के उन्हीं विचारों में से कुछ प्रसिद्ध विचारों को यहां लिखा गया है।
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महात्मा गांधी के विचार Mahatma Gandhi Quotes In Hindi Images -:
~ जहाँ प्रेम है, वहां ईश्वर है। – महात्मा गांधी
~ गरीबी हिंसा का सबसे बुरा रूप है। – महात्मा गांधी
~ पाप से घृणा करो, पापी से प्रेम करो। – महात्मा गांधी
~ तभी बोलो जब वो मौन से बेहतर हो। – महात्मा गांधी
~ कर्म प्राथमिकताओं को व्यक्त करता है। – महात्मा गांधी
~ वह धार्मिक है, जो दूसरों का दर्द समझता है। – महात्मा गांधी
~ क्रोध और असहिष्णुता सही समझ के दुश्मन हैं। – महात्मा गांधी
~ स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी। – महात्मा गांधी
~ आँख के बदले में आँख, पूरे विश्व को अँधा बना देगी। – महात्मा गांधी
~ गरीबी अभिशाप नहीं, बल्कि मानवरचित षडयन्त्र है। – महात्मा गांधी
~ धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है। – महात्मा गांधी
~ आप आज जो करते हैं उस पर भविष्य निर्भर करता है। – महात्मा गांधी
~ खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। – महात्मा गांधी
~ विश्वास करना एक गुण है, अविश्वास दुर्बलता कि जननी है। – महात्मा गांधी
~ गलत साधन हमें कभी भी सही उद्देश्य तक नही ले जाते हैं। – महात्मा गांधी
~ भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आज आप क्या कर रहे हैं। – महात्मा गांधी
~ कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है, यह तो बहादुर की निशानी है। – महात्मा गांधी
~ मानवता की महानता मानव होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है। – महात्मा गांधी
~ गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में। – महात्मा गांधी
~ स्वयं को जानने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है – स्वयं को औरों की सेवा में डुबो देना। – महात्मा गांधी
~ ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है, यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है। – महात्मा गांधी
~ शांति के लिए कोई विशेष रास्ता नहीं है, शांति अपने आप में ही एक रास्ता है। – महात्मा गांधी
~ एक राष्ट्र की संस्कृति उसमे रहने वाले लोगों के दिलों में और आत्मा में रहती है। – महात्मा गांधी
~ व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है। वह जो सोचता है, वह बन जाता है। – महात्मा गांधी
~ आप जो करते हैं वह नगण्य होगा। लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है। – महात्मा गांधी
~ कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है। क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है। – महात्मा गांधी
~ जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो, तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है। – महात्मा गांधी
~ विश्वास कोई ढूढने और बटोरने की चीज नहीं है यह तो विकसित करने की क्रिया है। – महात्मा गांधी
~ मैं मरने के लिए तैयार हूँ, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूँ। – महात्मा गांधी
~ दुनिया हर किसी की ‘जरूरत’ के लिए पर्याप्त है, लेकिन हर किसी के ‘लालच’ के लिए नहीं। – महात्मा गांधी
~ जिस दिन प्रेम की शक्ति, शक्ति के प्रति प्रेम पर हावी हो जायेगी, दुनिया में अमन आ जायेगा। – महात्मा गांधी
~ चाहे धन, मान, कुटुम्ब और प्राणों तक का त्याग करना पड़े, पर धर्म को कदापि न छोडा जाए। – महात्मा गांधी
~ अधिक संपत्ति नहीं, बल्कि सरल आनंद को खोजें। बड़े भाग्य नहीं, बल्कि परम सुख को खोजें। – महात्मा गांधी
Mahatma Gandhiji Quotes In Hindi -:
~ मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन। – महात्मा गांधी
~ अपने प्रयोजन में दृढ विश्वास रखने वाला एक सूक्ष्म शरीर इतिहास के रुख को बदल सकता है। – महात्मा गांधी
~ ब्रह्मचर्य का अर्थ केवल वीर्य-रक्षा ही नहीं है, बल्कि उसके लिए सभी इन्द्रियों का संयम आवश्यक हैं। – महात्मा गांधी
~ अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ़ कर देती है। – महात्मा गांधी
~ कुरीति के अधीन रहोगे तो कमजोर बन जाओगे और कुरीति का विरोध करोगे तो बलवान बन जाओगे। – महात्मा गांधी
~ पहले वो आप पर ध्यान नहीं देंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, फिर वो आप से लड़ेंगे, और तब आप जीत जायेंगे। – महात्मा गांधी
~ आप तब तक यह नहीं समझ पाते की आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते। – महात्मा गांधी
~ मौन एक बहुत ही अच्छा भाषण है आप अगर इसको अपनायेगे तो धीरे-धीरे आपको भी सारी दुनिया सुनने लगेगी। – महात्मा गांधी
~ दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाय रोटी के रूप में। – महात्मा गांधी
~ आदमी की पहचान उसके पहनावे और कपड़ो से नहीं की जाती बल्कि उसकी पहचान तो उसके गुण और चरित्र से होती है। – महात्मा गांधी
~ किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं। – महात्मा गांधी
~ पूंजी अपने-आप में बुरी नहीं है, उसके गलत उपयोग में ही बुराई है. किसी ना किसी रूप में पूंजी की आवश्यकता हमेशा रहेगी। – महात्मा गांधी
~ आप मानवता में विश्वास मत खोइए, मानवता सागर की तरह है। अगर सागर की कुछ बूँदें गन्दी हैं, तो सागर गन्दा नहीं हो जाता। – महात्मा गांधी
~ पूर्ण विश्वास के साथ बोला गया “नहीं” सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए “हाँ” से बेहतर है। – महात्मा गांधी
~ दुनिया में चाहे जितने भी विचार हो उनमे से बस एक ही जीवित रहेगा और वो है सच। और सच कभी ना ख़त्म होने वाला विचार है। – महात्मा गांधी
~ हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा। – महात्मा गांधी
~ जिस प्रकार अहिंसा के बिना सत्य की सिद्धि संभव नहीं, उसी प्रकार ब्रह्मचर्य के बिना सत्य और अहिंसा दोनों की सिद्धि असम्भव है। – महात्मा गांधी
~ भूल करना मनुष्य का स्वभाव है। अपनी भूल को मंजूर कर लेना और अपने आचरण से दुबारा भूल न होने देना ही सच्ची मर्दानगी है। – महात्मा गांधी
~ अहिंसा केवल आचरण का स्थूल नियम नहीं, बल्कि मन की वृत्ति है जिस वृत्ति में कहीं भी द्वेष की गंध तक नहीं रहती, वह अहिंसा है। – महात्मा गांधी
~ जब मैं निराश होता हूँ मैं याद कर लेता हूँ कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने वाले ही हमेशा विजयी होते हैं। – महात्मा गांधी
~ मित्रों का, पत्नी का और सभी का त्याग कर दो किंतु जिसके लिए तुम जिए हो और जिसके लिए तुम्हें मरना है, उसके प्रति सच्चे बने रहो। – महात्मा गांधी
~ हजारों लोगों द्वारा कुछ सैकडों की हत्या करना बहादुरी नहीं है। यह कायरता से भी बदतर है। यह किसी भी राष्ट्रवाद और धर्म के विरुद्ध है। – महात्मा गांधी
~ हमारे सभी धर्म ग्रन्थों का एक ही मूलमंत्र है – जो नम्र होकर झुकते हैं, वही ऊपर उठते हैं। नम्रता यानी मृदुता हमें अपने व्यवहार में रखनी ही चाहिए। – महात्मा गांधी
~ हमेशा अपने विचारों, शब्दों और कर्म के पूर्ण सामंजस्य का लक्ष्य रखें. हमेशा अपने विचारों को शुद्ध करने का लक्ष्य रखें और सब कुछ ठीक हो जायेगा। – महात्मा गांधी
Motivational Quotes By Mahatma Gandhi In Hindi, महात्मा गांधी के अनमोल वचन -:
~ पराजय मुझे हतोत्साहित नहीं कर सकती । यह मुझे केवल सुधार सकती है। मैं जानता हूं कि ईश्वर मेरा मार्गदर्शन करेगा। सत्य मानवीय बुद्धिमत्ता से श्रेष्ठतर है। – महात्मा गांधी
~ जो माता-पिता पालन पोषण और शिक्षा-दीक्षा में लड़कों और लड़कियों के बीच भेद करके लड़की के प्रति अपने कर्तव्य का पूरा पालन नहीं करते, वे पापाचरण करते हैं। – महात्मा गांधी
~ मैंने कभी अपनी आशावादिता का त्याग नहीं किया है। प्रत्यक्ष: घोर विपत्ति के कालों में भी मेरे अंदर आशा की प्रखर ज्योति जलती रही है। मैं स्वयं आशा को नहीं मार सकता। – महात्मा गांधी
~ मुझे भरोसा करने में विश्वास है। भरोसा करने से भरोसा मिलता है। संदेह दुर्गंधमय है और इससे सिर्फ सड़न पैदा होती है। जिसने भरोसा किया है, वह दुनिया में आज तक हारा नहीं है। – महात्मा गांधी
~ रागादि विकारों के बिना ब्रह्मचर्य अर्थात् इन्द्रिय परायणता संभव नहीं। विकारी मनुष्य सत्य अथवा अहिंसा का पूर्ण पालन कर ही नहीं सकता। तात्पर्य यह कि वह कभी आध्यात्मिक पूर्णता प्राप्त नहीं कर सकता। – महात्मा गांधी
~ डरने वाला मनुष्य धर्म-अधर्म का गहरा विचार करने की हिम्मत कर ही नहीं सकता। वह न तो सत्य की खोज़ कर सकता है, न खोजे हुए सत्य पर दृढ़ रह सकता है। इस प्रकार उससे सत्य का पालन नहीं होता। – महात्मा गांधी
~ जो काम मेरे सामने हैं, उसे करके मैं संतुष्ट हूँ। क्यों और किसलिए की फिक्र मैं नहीं करता। विवेक हमें इस बात को समझने में सहायक होता है कि जिन चीज़ों की थाह हमें नहीं है, उनमें अपनी टांग न घुसेड़ें। – महात्मा गांधी
~ मेरा लक्ष्य विश्व मैत्री है और मैं गलत काम का अधिकतम विरोध करते हुए भी अधिकतम प्रेम का परिचय दे सकता हूं। मुझे अपने लक्ष्य में इतनी अडिग आस्था है कि यह सफल हो जरूर होगा. इसे सफल होना ही है। – महात्मा गांधी
~ हिंदी पढ़ना इसलिए जरूरी है कि उससे देश में भाईचारे की भावना पनपती है। हिन्दी को देश की राष्ट्रभाषा बना देना चाहिए। आप चाहते हैं कि हमारा राष्ट्र संगठित हो, इसलिए आपको प्रान्तीयता के अभियान को छोड़ देना चाहिए। – महात्मा गांधी
~ स्त्री-जाति के प्रति तुच्छता का जो भाव पुष्ट हुआ है, वह समाज में घुसी हुई एक सड़ांध है, धर्म का अंग नहीं। धार्मिक पुरुष भी इस प्रकार के तिरस्कार-भाव से मुक्त नहीं हैं, इससे पता चलता है कि यह सड़ांध कितनी गहरी चली गई है। – महात्मा गांधी
~ आपकी मान्यताएं आपके विचार बन जाते हैं, आपके विचार आपके शब्द बन जाते हैं, आपके शब्द आपके कार्य बन जाते हैं, आपके कार्य आपकी आदत बन जाते हैं, आपकी आदतें आपके मूल्य बन जाते हैं, आपके मूल्य आपकी नीयति बन जाती है। – महात्मा गांधी
~ तुम्हारे जीवन में ऐसे क्षण आएंगे जब तुम्हें कदम उठाना होगा, चाहे तुम अपने घनिष्ट से घनिष्ट मित्रों को भी अपना साथ देने के लिए सहमत न कर सको। जब कर्तव्यविमूढ़ हो जाओ तो सदैव अंत:करण की आवाज़ को ही अपना अंतिम निर्णायक मानो। – महात्मा गांधी
~ जीवन में ऐसे क्षण आते हैं जब कुछ चीज़ों के लिए हमें बाह्य प्रमाण की आवश्यकता नहीं होती हमारे अंदर से एक हल्की सी आवाज हमें बताती है कि तुम सही रास्ते पर हो, दायें बाएं मुड़ने की ज़रूरत नहीं है, सीधे और संकरे रास्ते पर आगे बढ़ते जाओ। – महात्मा गांधी
~ स्त्री और पुरुष में प्राकृतिक भेद है। इस कारण नित्य के जीवन में उन्हें जिन कर्तव्यों का पालन करना होता है, उनमें भी भेद हो सकते हैं। फिर भी इन दोनों में कोई ऊँचा या नीचा नहीं है, बल्कि दोनों समाज के समान महत्त्ववाले तथा प्रतिष्ठापात्र अंग हैं। – महात्मा गांधी
~ मेरी अंतरात्मा की आवाज मुझसे कहती है – “तुम्हें सारी दुनिया के विरोध में खड़ा होना है, भले ही तुम अकेले खड़े हो। दुनिया तुम्हें आग्नेय दृष्टि से देखे, पर तुम्हें उनसे आंख मिलाकर खड़े रहना है। डरो मत। अपनी अंतरात्मा की आवाज का भरोसा करो।” – महात्मा गांधी
~ अस्पृश्यता हिन्दू धर्म का अंग नहीं, बल्कि उसमें घुसी हुई सड़ांध है, वहम है, पाप है। और उसका निवारण करना प्रत्येक हिन्दू का धर्म है, उसका परम कर्तव्य है। यदि यह अस्पृश्यता समय रहते नष्ट न की गई, तो हिन्दू समाज और हिन्दू धर्म का अस्तित्व ही संकट में पड़ जायेगा। – महात्मा गांधी
~ आम तौर पर लोग सत्य का स्थूल अर्थ सत्यवादिता ही समझते हैं। लेकिन सत्य वाणी में सत्य के पालन का पूरा समावेश नहीं होता; इसी तरह साधारणतया लोग अहिंसा का स्थूल अर्थ यही करते हैं कि दूसरे जीव को मारना नहीं; किन्तु केवल प्राण न लेने से अहिंसा की साधना पूरी नहीं होती। – महात्मा गांधी
~ अहिंसा सत्य के समान ही व्यापक होती है। अहिंसा की सिद्धि के बिना सत्य की सिद्धि संभव नहीं। अतएव दूसरी दृष्टि से देखें, तो सत्य अहिंसा की पराकाष्ठा ही है। पूर्ण सत्य और पूर्ण अहिंसा में भेद नहीं, फिर भी समझने की सुविधा के लिए सत्य को सत्य और अहिंसा को साधन माना है। – महात्मा गांधी
~ मनुष्य के लिए डरने योग्य वस्तु एक ही है – अपना विकारी चित्त। चाहे ईश्वर का डर कहो, चाहे अधर्म का डर कहो अथवा अपने विकार-रूपी शत्रुओं का डर कहो, तीनों एक ही हैं। यदि विकार न हो, तो अधर्म न रहे, और अधर्म न रहे, तो ‘ईश्वर का डर जैसे शब्दों का प्रयोग ही न करना पड़े। – महात्मा गांधी
~ प्रेम के शुद्ध, व्यापक स्वरूप का नाम अहिंसा है। जिस प्रेम में राग या मोह की गंध आती है, उसमें अहिंसा नहीं होती। जहाँ राग और मोह होते हैं, वहाँ द्वेष का बीज भी रहता ही है। प्राय: प्रेम में राग-द्वेष पाये जाते हैं, इसी लिए तत्ववेत्ताओं ने प्रेम शब्द का उपयोग न कर के अहिंसा शब्द की योजना की है और उसे परम धर्म कहा है। – महात्मा गांधी
~ पुरुष स्त्री-जाति को एक ओर से दबाता है, अज्ञान रखता है, उसकी उपेक्षा और निन्दा करता है। दूसरी ओर से उसे अपने भोगों को तृप्त करने का साधनमात्र मानता है और इसके लिए वह स्त्री को गुड़िया की तरह अपनी इच्छा के अनुसार सजाता है, उसकी खुशामद करता है और इस प्रकार स्त्री की भोगवृत्ति को भड़काने का प्रयत्न करता है। इन प्रकारों से केवल स्त्री-जाति का ही नहीं, बल्कि स्वयं पुरुष का और समूचे समाज का भारी पतन हुआ है। – महात्मा गांधी
~ ” सात घनघोर पाप हैं -: “
- काम के बिना धन
- अंतरात्मा के बिना सुख
- मानवता के बिना विज्ञान
- चरित्र के बिना ज्ञान
- सिद्धांत के बिना राजनीति
- नैतिकता के बिना व्यापार
- त्याग के बिना पूजा
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